गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके लिए रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने भटहट स्थित सीएचसी से पांच नवनिर्मित पीकू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) का इनॉगरेशन किया। भटहट के अलावा सहजनवा, पाली, बांसगांव व हरनही सीएचसी पर भी पीकू बनाए गए हैं। इनका निर्माण हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) ने कॉरपोरेट एनवायर्नमेंट रिस्पांसबिलिटी (सीईआर) फंड से कराया है। इस अवसर पर सीएम ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि जिन सीएचसी पर पीडियाट्रिक आईसीयू की सुविधा शुरू हुई है वहां हेल्थ एटीएम भी लगाए जाएंगे।

पीकू संकट का साथी

भटहट सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) पर आयोजित पीकू लोकार्पण समारोह में सीएम योगी ने कहा कि एकसाथ पांच सीएचसी पर पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) का शुरू होना बड़ी उपलब्धि है। पीकू संकट का साथी है। अब पीकू के साथ इन सीएचसी पर हेल्थ एटीएम लगवाने के लिए कमिश्नर व सीएमओ को निर्देशित किया गया है। हेल्थ एटीएम से लोगों को 60 प्रकार की चिकित्सकीय जांचों की सुविधा मिलेगी और लोग टेली कंसलटेशन के माध्यम से गोरखपुर, लखनऊ, दिल्ली तक के विशेषज्ञ डॉक्टरों से बमुश्किल दस मिनट में परामर्श ले सकेंगे।

35 जिलों में नहीं थे एक भी आईसीयू बेड

सीएम योगी ने कहा कि कोरोना काल में जब मरीजों को सांस लेने की दिक्कत आने लगी तो आईसीयू बेड्स की भारी मांग सामने आई। पहले 35 जिलों में एक भी आईसीयू बेड नहीं थे। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में सरकार ने हर जिले में आईसीयू के दस-दस बेड्स व उसके लिए प्रशिक्षित मैनपावर की व्यवस्था की। समग्रता में ध्यान देकर बेहतरीन कोरोना प्रबंधन करते हुए उत्तर प्रदेश मौत के आंकड़ों को न्यूनतम करने में सफल रहा।

इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों पर पूर्ण नियंत्रण

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चार दशक तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में मस्तिष्क ज्वर (इंसेफेलाइटिस) का दर्दनाक इतिहास रहा है। प्रतिवर्ष 1500 से अधिक बच्चों की इसकी वजह से असमय मृत्यु हो जाती थी। गरीब बच्चे तड़पते थे। न दवा की व्यवस्था पाती थी और न ही इलाज की। इंसेफेलाइटिस से किसी तरह बच भी गए तो जीवन भर के लिए दिव्यांगता की चपेट में आ जाते थे। सीएम ने कहा कि आज संतोष है कि इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह नियंत्रित कर लिया गया है। अब इससे किसी बच्चे की मौत नहीं होती है। बेहतरीन सर्विलांस, स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज तक इलाज की बेहतरीन व्यवस्था से यह संभव हुआ है।

बनाए जाने हैं 14 पीकू

सीएम योगी ने पीकू निर्माण के लिए हर्ल को धन्यवाद देते हुए कहा कि खाद उत्पादन के साथ ही यह अपनी सामाजिक प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ा रहा है। इसकी तरफ से 14 स्वास्थ्य केंद्रों में पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने की कार्यवाही शुरू की गई है। दो पीकू (जंगल कौडिय़ा व चरगांवा) का लोकार्पण कुछ माह पूर्व ही हो चुका है। पांच का लोकार्पण आज हो रहा है। सीएम ने भटहट सीएचसी पर डॉक्टर्स की संख्या व अन्य सुविधाएं बढ़ाने का भी आश्वासन दिया। इस दौरान पीकू लोकार्पण समारोह को सांसद रविकिशन शुक्ल व पिपराइच के विधायक महेंद्रपाल सिंह ने भी संबोधित किया। स्वागत संबोधन एचयूआरएल के चेयरमैन देबाशीष नंदा ने किया। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ। धर्मेंद्र सिंह, विधायक महेंद्रपाल सिंह, श्रीराम चौहान, प्रदीप शुक्ल, कमिश्नर रवि कुमार एनजी, एडीजी जोन अखिल कुमार, आईजी जे। रविंद्र गौड़, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, एसएसपी गौरव ग्रोवर, जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर आदि मौजूद रहे।

अत्याधुनिक उपकरण से लैस हैं पीकू, मिलेगी 24 घंटे सेवा

लोकार्पण के साथ ही पीकू वार्ड नियमित संचालन के लिए स्वास्थ विभाग को हस्तांतरित कर दिए गए। एनएचएम की गाइडलाइन के अनुसार इन पीकू पर पर्याप्त संख्या में बाल रोग विशेषज्ञ, योग्य डॉक्टर, स्टाफ नर्स, टेक्नीशियन, ऑपरेटर, लैब टेक्नीशियन व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। पीकू में सक्शन उपकरण, रक्त गैस विश्लेषक (एबीजी), ओवरहेड वार्मर, मल्टी पैरा कार्डिएक मॉनिटर, वेंटिलेटर, ओवरहेड बेड, डिफिब्रिलेटर्स, सिरिंज पंप, रिवाल्विंग स्टूल, बेड साइड लॉकर, पीकू बिस्तर, ऑक्सीजन कन्संट्रेटर एवं सिलिंडर जैसे उपकरण व संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं।