गोरखपुर (ब्यूरो)।फिलहाल कुछ व्यवहारिक एवं रूटीन प्रक्रिया है जो कॉलेजों को पूरा करने को कहा गया है। लेकिन कॉलेज इसको करने में समर्थ नहीं हो पा रहे हैं।

नहीं अपलोड हो रहे माक्र्स

उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे कॉलेजों को अंतरिक्ष मूल्यांकन तथा प्रैक्टिकल आदि परीक्षाओं के अंकों को समय से अपलोड करना है लेकिन इसमें कॉलेजों की तरफ से देरी हो रही है.Ó एमए (पॉलिटिकल साइंस) यूनिवर्सिटी सहित कुल 47 कॉलेजों में संचालित है जिसमें से 44 कॉलेजों के थर्ड सेमेस्टर सेशन 2022-23 का रिजल्ट 19 अप्रैल को घोषित किया जा चुका है। 2 कॉलेज और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स का इंटरनल माक्र्स अपलोड न होने के कारण इनका रिजल्ट अभी जारी नहीं हो सका है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में मामला उजागर होने के बाद परीक्षा नियंत्रक ने विज्ञप्ति जारी कर अपना पक्ष रखा।

नहीं खुल रहा पोर्टल

यूनिवर्सिटी ने अपने जवाब में यह तो बता दिया कि 2 कॉलेज और यूनिवर्सिटी कैंपस के स्टूडेंट्स का रिजल्ट इंटरनल के माक्र्स अपलोड न हाने की वजह से जारी नहीं हो सका। जबकि कॉलेज और यूनिवर्सिटी के टीचर्स का कहना है कि उनके पास इंटरनल के माक्र्स तो थे पर यूनिवर्सिटी का पोर्टल ही नहीं खुल रहा था। बिना पोर्टल खुले वो माक्र्स कैसे अपलोड करें। पोर्टल में बार-बार समस्या आ रही है। इसके बावजूद इसके जिम्मेदारों पर एक्शन क्यों नहीं हो रहा?

दूसरों से कैसी तुलना?

गोरखपुर यूनिवर्सिटी को नैक मूल्यांकन में 3.78 सीजीपीए के साथ 'ए प्लस प्लसÓ ग्रेड हासिल है। यह प्रदेश में सबसे ज्यादा और देश में चौथे नंबर पर है। यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया कि डीडीयूजीयू में एग्जाम अन्य यूनिवर्सिटीज की अपेक्षा समय से कराते हुए रिजल्ट घोषित किए जा रहे हैं। सवाल यह है कि यह तुलना किससे है? सीजीपीए के मामले में प्रदेश में यह सबसे टॉप पर है लेकिन अपने से लो ग्रेड यूनिवर्सिटी से तुलना कैसी?