- एसटीएफ ने नौ तस्करों को पकड़ा था, जिसके बाद ही खुला था पूरा मामला

- चौरीचौरा पुलिस ने आरोपी सिपाही को पकड़ा, अन्य साथियों की भी तलाश जारी

- खोराबार थाने के सरकारी आवास में रहता है सिपाही का परिवार, यहां पर भी रह चुकी है तैनाती

GORAKHPUR: गौर तस्करों के सरगना होने के आरोप में चौरीचौरा पुलिस ने देवरिया तैनात सिपाही रामानंद यादव को बुधवार की रात दो बजे के करीब अरेस्ट कर लिया। एसटीएफ द्वारा पकड़े गए नौ तस्करों से पूछताछ में सिपाही और उसके साथियों का नाम सामने आया है। जांच में पता चला है कि आरोपित सिपाही 2010 में खोराबार थाने में तैनात रह चुका है और उसका परिवार अब भी खोराबार थाने के सरकारी आवास में ही रहता है। पुलिस अब सिपाही के साथियों की तलाश में जुट गई है।

150 गोवंश के साथ पकड़े गए थे तस्कर

आरोपित सिपाही रामानंद मूलरूप से गाजीपुर के करीमुद्दीन थाना एरिया के डेहमा कुसमहा का रहने वाला है। वर्तमान में उसकी तैनाती देवरिया जिले में थी। तस्करों के करीबी संबंध थे। जानकारी के मुताबिक एसटीएम ने मंगलवार की रात पांच ट्रक में 150 गोवंश के साथ नौ तस्करों को दबोचा था। इनकी गिरफ्तारी के साथ चौरीचौरा थाने को सुपुर्द कर दिया था। पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि एक ट्रक सिपाही की है और वह इस पूरे धंधे से जुड़ा हुआ है। यह सुनने के बाद ही पुलिस के कान खड़े हो गए। जांच में पता चला था कि सिपाही के कहने पर पशु को लादकर छपरा बिहार पहुंचाया जा रहा था। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की जांच शुरू करा दी है।

प्रधान के साथ मिलकर गाड़ी करता था पास

सिपाही के साथ ही देवरिया के एक पूर्व प्रधान अनवर भी गिरोह के सदस्य है। रास्ते में टोल पर गाड़ी पास कराने का काम करते थे। दोनों मिलकर सेटिंग करते थे कि गाड़ी ना पकड़ी जाए। पुलिस वाला होने की वजह से कोई शक भी नहीं करता था।