- डीडीयूजीयू एनुअल एग्जाम को लेकर रीजनल एजुकेशनल डिपार्टमेंट की तैयारियों की खुली पोल

- कंट्रोल रूम से कनेक्ट ही नहीं किए गए डीडीयूजीयू कैंपस के एग्जामिनेशन हॉल

- बाकी सेंटर्स को जोड़ने में जूझते रह जा रहे कर्मचारी

GORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी और एफिलिएटेड कॉलेजेज के एनुअल एग्जाम को लेकर किए गए जिम्मेदारों के दावे हवा-हवाई ही हैं। ये हम नहीं कह रहे एग्जाम के दौरान सामने आ रही गोरखपुर यूनिवर्सिटी प्रशासन व रीजनल एजुकेशनल डिपार्टमेंट की लापरवाही का हाल बयां कर रहा है। जहां एक क्लिक पर सभी सेंटर्स की निगरानी का दावा था, वहीं अब तक पांच नकलची चिट के साथ पकड़े जा चुके हैं और कंट्रोल रूम को भनक तक नहीं लगी। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने शुक्रवार को यहां का रियल्टी चेक किया तो लापरवाही खुलकर सामने आ गई। दूसरी पाली में कुशीनगर जिले के फाजिलनगर पावा नगर स्थित श्रीभगवान महावीर प्रसाद कॉलेज में तीन कैंडिडेट्स नकल करते पकड़े गए। जबकि डीवीएनपीजी कॉलेज में बने कंट्रोल रूम में जिम्मेदार नेटवर्क की सेटिंग करने में ही जुटे हुए थे। पकड़े गए तीनों कैंडिडेट्स को सेंट्रल फ्लाइंग स्क्वॉयड की टीम ने रेस्टिकेट कर दिया है।

कनेक्ट नहीं हो सके देवरिया के सेंटर

डीवीएनपीजी कॉलेज में डीडीयूजीयू एनुअल एग्जामिनेशन का कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम की हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम शुक्रवार की दोपहर 2.20 बजे यहां पहुंची तो वहां मौजूद तीन कर्मचारी नेटवर्क से जूझते नजर आए। वहीं देवरिया में बनाए गए सेंटर की निगरानी करने वाले डॉ। संजय कुमार गुप्ता के पास किसी भी कॉलेज की तरफ से क्लॉउड आईडी, यूजर नेम, पासवर्ड और डीवीआर ब्रांड नेम तक की डिटेल्स नहीं भेजी गई थीं। इस कारण देवरिया का कोई भी परीक्षा केंद्र कंट्रोल रूम से कनेक्ट ही नहीं हो सका। जबकि इनके जिम्मे देवरिया के कुल 90 परीक्षा केंद्रों की मॉनिटरिंग करने का काम है।

गोरखपुर यूनिवर्सिटी पर भी नहीं है नजर

जब टीम गोरखपुर जिले में बनाए गए 156 परीक्षा केंद्रों की मॉनिटरिंग के लिए लगाए गए डॉ। पवन के पास पहुंची तो उनके कंप्यूटर पर यूनिवर्सिटी के 70 से ज्यादा कमरों के अलावा बाकी सेंटर्स की मॉनिटरिंग होती दिखी। डॉ। पवन ने बताया कि गोरखपुर यूनिवर्सिटी कैंपस में लगाए गए ऑडियो-वीडियो वाले सीसीटीवी को कनेक्ट नहीं किया गया है। जबकि क्लाउड आईडी, यूजर नेम, पासवर्ड और डीवीआर ब्रांड नेम मांगा जा चुका है। लेकिन परीक्षा नियंत्रक डॉ। अमरेंद्र कुमार सिंह की तरफ से यूजर आईडी, पासवर्ड और आईपी एड्रेस भेजा गया है जो हमारे किसी काम के नहीं है।

नेटवर्क की गड़बड़ी भी है समस्या

कंट्रोल रूम में नोडल प्रभारी बनाए गए डॉ। जय प्रकाश वर्मा बताते हैं कि कंट्रोल रूम का नेटवर्क तो सही है लेकिन बाकी की जगहों का नेटवर्क गड़बड़ है। जहां नेटवर्क सही भी है तो कॉलेज वालों की उदासीनता के कारण कनेक्टिविटी प्रॉब्लम बरकरार है।

बॉक्स

स्क्रीन शॉट लेने का ही निर्देश

शासन की तरफ से बनाए गए कंट्रोल रूम में काम करने वाले कर्मचारी हों या फिर परीक्षा केंद्रों के परीक्षा केंद्र प्रभारी समेत टीचर्स। इन सभी को किसी प्रकार की कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई कि आखिर इसे कैसे ऑपरेट करना है। जबकि देवरिया और कुशीनगर जिले के बाद गोरखपुर जिले में सबसे ज्यादा नकल के मामले सामने आते रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गोरखपुर यूनिवर्सिटी का ऑडियो-विजुअल कैमरा ही कंट्रोल रूम से नहीं जोड़ा गया है। यही वजह है कैंपस से ही एक नकलची नकल करते हुए पकड़ा गया लेकिन इसकी फुटेज कंट्रोल रूम के पास है नहीं। इसके अलावा कंट्रोल रूम में जिन कॉलेजेज की मॉनिटरिंग की जा रही है, उनमें अगर कोई नकल करते देखा भी जाता है तो उसकी रिकॉर्डिग फूटेज भी स्टोर करने का कोई निर्देश या फिर कॉलम नहीं बनाया गया है। नोडल प्रभारी डॉ। जय प्रकाश वर्मा बताते हैं कि सिर्फ स्क्रीन शॉट लेना है, यही बताया गया है।

फैक्ट फिगर

डीडीयूजीयू व एफिलिएटेड कॉलेजेज में कैंडिडेट्स - 2,40,000

कुल एग्जामिनेशन सेंटर्स - 262

नोडल सेंटर - 8

इन तीनों जिलों के एग्जामिनेशन सेंटर्स की होगी मॉनिटरिंग - गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर

फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम - 5

सेंट्रल फ्लाइंग स्क्वॉयड - 1

कंट्रोल रूम - 1

कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारी - 9

कंट्रोल रूम की मॉनिटरिंग - सुबह 7 से शाम बजे तक

वर्जन

डीडीयूजीयू एनुअल एग्जाम की मॉनिटरिंग के लिए डीवीएनपीजी कॉलेज में कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसका पूरा जिम्मा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी का है। हमारी तरफ से जो फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम का गठन किया गया है वे नकल करने वाले नकलचियों को पकड़कर रेस्टिकेट कर रहे हैं।

डॉ। अमरेंद्र कुमार सिंह, एग्जामिनेशन कंट्रोलर

कंट्रोल रूम बनाया गया है लेकिन यूनिवर्सिटी के सहयोग के लिए बनाया गया है। यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन कंट्रोलर नकल पर पूरी तरह से पैनी नजर रखे हैं। कंट्रोल रूम को पूरी तरह से कनेक्ट करने के लिए कवायद चल रही है।

अश्वनी मिश्रा, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी