- लॉकडाउन ने रोका विकास कार्य, 15 के बाद भर सकते हैं उड़ान

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन से न सिर्फ जन-जीवन ठप है, बल्कि सिटी के विकास पर भी ब्रेक लग गया है। करीब आधा दर्जन महत्वकांक्षी योजनाएं अधर में है। सड़क निर्माण से लेकर स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार भी रूक गया है।

महामारी से निपटने में लग रहा बजट

कालेसर से जंगल कौडि़या फोरलेन का निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप है। फोरलेन का लोकार्पण 31 मार्च को ही होना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। वहीं, मोहद्दीपुर से जंगल कौडि़या फोरलेन का निर्माण कार्य भी रुक गया है। जो फंड विकास को गति देने में लगाई जानी थी वह इस महामारी से निपटने में लगाया जा रहा है। जीएसटी, आबकारी, रजिस्ट्री, परिवहन जैसे विभाग जो सरकार की मोटी आय के श्रोत हैं, इनका कोष भी सूख गया है।

चिडि़याघर एक महीने लेट

चिडि़याघर का काम अप्रैल में पूरा होना था, लेकिन अभी कामकाज पूरी तरह से ठप है। अगर समय से लॉकडाउन खत्म नहीं हुआ और सब कुछ ठीक ठाक रहा तो मई तक काम शुरू हो सकेगा। राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक डीबी सिंह बताते हैं कि कोरोना की वजह से काम बंद है। इससे निर्धारित समयसीमा का बिगड़ना तय है। चिडि़याघर के निर्माण में अभी तक कुल 213 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। शासन की तरफ से 42 करोड़ रुपये अवमुक्त होने का इंतजार था, लेकिन कोरोना की वजह से फंड जारी नहीं हो पाया है।

एयरपोर्ट का नया टर्मिनल अब 2021 में

26 करोड़ की लागत से 350 यात्रियों की क्षमता वाले नए टर्मिनल के निर्माण के लिए टेंडर प्रोसेज लास्ट स्टेज में है। महीने भर में निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन अब इस पर भी कोरोना का ग्रहण लग चुका है। नए टर्मिनल का निर्माण पूरा होने में एक साल का समय लगेगा। अब ऐसे में 2021 में ही एयरपोर्ट टर्मिनल का सपना साकार होने की उम्मीद है। जब तक टर्मिनल का निर्माण नहीं पूरा होता, तब तक गोरखपुर से चाहकर भी बहुत ज्यादा विमान सेवाओं में विस्तार नहीं हो सकता है। वैसे तो वर्तमान में गोरखपुर से दिल्ली के लिए तीन, मुंबई, हैदाराबाद, कोलकाता, प्रयागराज के लिए एक-एक विमान सेवा है।

2022 में एम्स का सपना होगा पूरा

एम्स के 750 बेड के अस्पताल और प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप है। कोरोना के भय से मजदूर अपने घर चले गए हैं। कुछ मजदूर बचे हैं। अगर 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होता है तो वे भी कुछ काम में तेजी लाने की बात कर रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही थी कि 2021 में काम पूरा हो जाएगा, लेकिन अब और ज्यादा समय लग सकता है। 2021 के बजाय 2022 तक माना जा रहा है।

लिंक एक्सप्रेस-वे का इंतजार बढ़ा

यूपीडा के एसीईओ ने बताया कि लिंक एक्सप्रेस-वे का काम कोरोना की वजह से ठप है। एक्सप्रेस-वे को 2022 तक बनाकर तैयार करने का टारगेट था। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने मार्च में ही इसके निर्माण की आधारशिला रखने की योजना बनाई थी, जो फंस चुकी है। एसीईओ ओमप्रकाश पाठक ने कहा कि अब निर्माण कार्य में देरी होना तय है।

जीएमसी में देरी संभव

नगर निगम भवन के निर्माण में प्रशासनिक अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि नगर निगम सदन के निर्माण में भी देरी संभव है। कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस ने इसके निर्माण के लिए पिछले महीने टेक्निकल बिड निकाली थी। इसके बाद लॉकडाउन हो गया। ऐसे में निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। इसके लिए करीब 23.45 करोड़ की लागत से बनने वाले यह भवन को 2022 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अब तक निर्माण कार्य नहीं शुरू हो सका है।

कोरोना वायरस के महामारी से अभी जूझ रहे हैं। विकास कार्य ठप पड़े हैं। आगे ही कुछ हो सकेगा।

के विजयेंद्र पांडियन, डीएम