-हर साल डेंगू से होती थी मौत, इस बार एक भी नहीं

-मलेरिया, चिकुनगुनिया, फेल्सीपेरम के मरीज भी नहीं आए

-बीमारी पनप नहीं पाया, कारण जानने के लिए जुटा हेल्थ डिपार्टमेंट

GORAKHPUR: इस बार कोविड-19 में तो बड़ी तबाही मचाई लेकिन हर साल होने वाली मौसमी बीमारियां डेंगू, मलेरिया, फेल्सीपेरम (खूनी मलेरिया) और चिकनगुनिया हाशिए पर आ गए। कोरोना काल के एक साल में डेंगू की एक भी मौत रिपोर्ट नहीं है और न ही कोई केस ही सामने आया है। मलेरिया के रोगी भी न के बराबर मिले। चिकनगुनिया और फेल्सीपेरम के रोगी ही अस्पतालों में आए। इस तरह से डेंगू मलेरिया और फेल्सीपेरम के पेशेंट्स की संख्या में गिरावट हेल्थ डिपार्टमेंट को चौका रही है।

मोहल्ले-मोहल्ले जाती थी टीम

कोरोना काल के पहले डेंगू पूरे साल की बीमारी ही बना था। दिसंबर की ठंड में डेंगू के मरीज सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट हुए। बारिश के मौसम में शहर में हालत यह हो जीती थी कि नगर निगम और स्वास्थ्य विभागों को संयुक्त टीमों को मोहल्ले-मोहल्ले जाकर मुनादी करनी पड़ती थी कि घरों के बर्तन या पानी भरकर न रखें। जलभराव वाले स्थानों पर दवाओं का छिड़काव कराया जाता रहा। पुष्ट और अपुष्ट मिलाकर औसतन एक से दो मौत अस्पतालों में ही हो जाती थी। लेकिन इस साल भर में डेंगू, मलेरिया और फेल्सीपेरम से एक भी मौत नहीं हुई।

कोरोना के रोगी ही अधिक आए

- स्वास्थ्य विभाग भी अब उन तरीकों का पता करने में जुट गया है।

- जिसमें डेंगू और दूसरी जलजनित बीमारियों में कमी आई है।

- इससे इन रोगों पर लगाम लगाई जा सकती है।

- जिला अस्पताल के मलेरिया डिपार्टमेंट के एसीएमओ का कहना है कि कोरोना काल में कोरोना के रोगी ही अधिक आए।

- दूसरे रोगों के मरीजों की संख्या कम रही।

- कुछ लोगों को डेंगू और कोरोना दोनों का संक्रमण था, ऐसे रोगियों को कोरोना में ही जोड़ा गया।

- ऐसे लोगों नकी संख्या बहुत कम थी।

- जिला मलेरिया अधिकारी डॉ। एके पांडेय का कहना है कि पिछले साल डेंगू के 11 और मलेरिया के 7 केस सामने आए।

- दिसंबर माह में मलेरिया के दो केस सामने आए है।

- 2021 में एक भी डेंगू, मलेरिया और फेल्सीपेरम के केस सामने नहीं आए है और न ही एक भी मौत हुई है।

वर्ष 2019 में केस -

डेंगू--118

मलेरिया--14

फेल्सीपेरम--00

मौत--00

कोरोना काल में

पिछले साल डेंगू के रोगी--11

मौत - 00

मलेरिया के रोगी--07

दिसंबर 2020 में मलेरिया के रोगी-02

मौत - 00

चिकनगुनिया--02

मौत - 00

फल्सीपेरम के रोगी-00

मौत - 00

कोरोना काल में खाली रहे वार्ड

जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में बनने वाले डेंगू वार्ड पूरी तरह से खाली रहे। हर साल अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाया जाता रहा है। लेकिन इस बार इस वार्ड में के बेड पर कोरोना रोगी रहे। एक दो रोगी आए उन्हें जनरल वार्डो में शिफ्ट कर दिया गया। वह कुछ दिन में ही ठीक होकर चले गए। ज्यादातर मरीजों को सामान्य वार्ड में भर्ती किए गए।

कोरोना काल में हाईजीन पर बहुत अधिक ध्यान दिया गया। कोरोना संक्रमण के डर की वजह से लोगों ने घरों के अंदर और बाहर साफ-सफाई पर ध्यान दिया। फीवर ट्रैकिंग के साथ टीम द्वारा अभियान चलाकर लोगों को अवेयर किया गया। साथ ही इलाके में सेनेटाइजेशन का कार्य किया गया। इसकी का नतीजा है कि जल जनित बीमारियों पर अंकुश लगाया जा सका है।

- एके पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी