- जिला अस्पताल के कोविड पॉजिटिव होने के बाद पूरी फैमिली हुई पॉजिटिव

- तमाम दिक्कतों के बावजूद भी कोविड प्रभारी मरीजों की करते रहे सेवा

<- जिला अस्पताल के कोविड पॉजिटिव होने के बाद पूरी फैमिली हुई पॉजिटिव

- तमाम दिक्कतों के बावजूद भी कोविड प्रभारी मरीजों की करते रहे सेवा

GORAKHPUR: GORAKHPUR: धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर भी कोरोना के चपेट में आते जा रहे हैं। एक तरफ जहां सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी व उनकी फैमिली कोविड पॉजिटिव होने के बाद जंग जीतकर वापस काम पर लौट चुकी है। वहीं जिला अस्पताल के कोविड प्रभारी डॉ। राजेश कुमार व उनकी फैमिली ने भी कोरोना को मात दी है। पाजिटिव होने के बाद भी भी हेल्प लाइन नंबर 9ब्क्भ्फ्ख्0क्भ्9 नंबर पर कोविड मरीजों को हिम्मत देते रहे। होम आईसोलेट वाले मरीजों को कब-कब दवाएं लेनी है और कैसे कोविड प्रोटोकाल को अपनाना है। इन सभी नियमों का पालन करने का प्रॉसेस बताते रहे। प्रतिदिन करीब 8-क्0 मरीजों के कॉल्स अटेंड कर उन्हें जानकारी देना। यह नहीं उनकी डेली रूटीन में शामिल हो गया। 8 सितंबर से डॉ। राजेश कुमार पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद फिर से जिला अस्पताल में अपने पद कोविड क्9 के प्रभारी का पद का निवर्हन करने के साथ-साथ मरीजों को देखने का काम फिर से शुरू कर चुके हैं।

सांस लेने में मुश्किल

जिला अस्पताल के कोविड प्रभारी डॉ। राजेश कुमार कोरोना पाजिटिव होने के बाद से कभी हिम्मत नहीं हारे.कोरोना को मात देते हुए वह फिर से अपने काम पर लौट चुके हैं। डॉ। राजेश कुमार ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताते हैं कि वे सिम्टोमैटिक कोरोना पॉजिटिव थे। डॉ। राजेश कुमार को निमोनिया था। सांस लेने में मुश्किल हो रही थी। बुखार क्0ख् रहता था। दस बार तो मेरा ब्लड टेस्ट हुआ। चूंकि शुगर और बीपी दोनों है। ऐसे में हालात खराब थी, लेकिन हिम्मत नहीं हारे। ईश्वर की कृपा रही आक्सीजन लेवल 9भ् से नीचे नहीं गया। ऑक्सीजन पास रखा रहता था। घर के बरामदे में नेबुलाइज करते रहे। गर्म पानी का भाप, काढ़ा लेते रहे। इंसूलिन का रिक्वायरमेंट ब्0 यूनिट पहुंच गया था।

बेटी भी हो गई थी पाजिटिव

डॉ। राजेश कुमार बताते हैं कि संपर्क में रहने वाली पत्नी संगीता प्रसाद और बेटी भी पाजिटिव हो गई। मेरी बेटी ख्क् वर्ष की है। एमएमबीएस की सेकेंड ईयर की स्टूडेंट है। वह बरेली राम मूíत मेडिकल कालेज में है। उसने मुझे फोन करके पूछा कि आपकी तबीयत ठीक है? मेरी तबीयत ठीक नहीं है। फीवर जैसा लग रहा है बॉडी में दर्द भी है। स्वाद भी कुछ नहीं पता चल रहा है। क्8 अगस्त को एंटीजन से जांच की तो बेटी और मैं दोनों पाजिटिव पाए गए। पत्नी निगेटिव थी। देखभाल की।

पत्‍‌नी पहले निगेटिव, फिर पॉजिटिव

फ्क् अगस्त को मेरी तबीयत थोड़ी खराब हुई तो मैं जिला अस्पताल गया। वहां एक्सरे और जांच करवाया। सोडियम कैल्शियम कम, पोटेशियम कम। इसका इंजेक्शन लगा। थोड़ा राहत मिली। फिर पत्नी का भी चेक कराया। पत्नी फ्क् अगस्त को पत्नी पाजिटिव हो गई। क्8 से फ्क् तक तो पत्नी बेटी और मेरा केयर करती थी, लेकिन जब पत्नी पाजिटिव हो गई। तब परेशानी बढ़ गई। बेटी निगेटिव हुई, तो बेटी ने मां बाप का केयर करना शुरू कर दी। खुद को अलग-अलग कमरे में होम आईसोलेट कर रखा था। बेटी खाना टेबल पर रखकर चली जाती थी। अपना-अपना बर्तन और कपड़ा खुद ही हम लोग धुलते थे। कोविड प्रोटोकाल को पालन किया।