गोरखपुर (ब्यूरो)। सीएम योगी शनिवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोविड हॉस्पिटल और इसी परिसर में स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) का निरीक्षण करने

के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सेकेंड वेव में पेशेंट्स को नेगेटिव होने में 15 दिन से एक माह तक का समय लग जा रहा था। लंग्स की क्रिटिकल

समस्या और पोस्ट कोविड के मामले भी आ रहे थे। इसकी तुलना में थर्ड वेव उतनी खतरनाक नहीं है। नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर विशेषज्ञों के अनुसार अब तक तक जो ट्रेंड

सामने आए हैं, उसमें यह सामान्य वायरल फीवर जैसा है। प्रदेश में इसकी पॉजिटिविटी रेट 6 प्रतिशत है, पर इसमें 99 प्रतिशत मामले होम आइसोलेशन के हैं। होम आइसोलेट लोगों

से इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर द्वारा संपर्क कर निरंतर समीक्षा की जा रही है। होम आइसोलेट लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई गई हैं। गोरखपुर में कोरोना के मामलों का

जिक्र करते हुए सीएम ने बताया कि यहां 2241 एक्टिव केस हैं, जिनमें से सिर्फ 12 को हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा, यानी 0.5 प्रतिशत मामलों में ही हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत

पड़ी है। शेष मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

कोविड से बचाव के लिए वैक्सीन सर्वोत्तम उपाय

सीएम योगी ने कहा कि पूरी दुनिया के विशेषज्ञों ने माना है कि कोविड से बचाव का वैक्सीन सर्वोत्तम उपाय है। सभी लोग टीका जरूर लगवाएं। जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं

लगवाई है, वह 25 जनवरी तक हरहाल में वैक्सीन लगवा लें। जिन्होंने पहली डोज ले ली हो, वह दूसरी डोज ले लें। दोनों डोज लेने वालों में साथ वर्ष से अधिक उम्र के लोग और

गंभीर बीमारियों से पीडि़त (कोवार्मिड) प्रिकॉशन या बूस्टर डोज लें।

प्रदेश में लग चुकी वैक्सीन की 22.5 करोड़ डोज

सीएम ने बताया कि प्रदेश में कोविड वैक्सीन की 22.5 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं। 15 से 17 वर्ष तक के किशोरों को भी बड़े पैमाने पर वैक्सीन लगाई जा रही है। अब तक

47.25 लाख किशोरों को वैक्सीन लगाई गई है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में कुल 35.50 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य है जिनमें से 29.59 लाख का वैक्सीनेशन हो चुका

है। यहां 33 प्रतिशत (101500) यूथ का वैक्सिनेशन किया जा चुका है। सीएम ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को वैक्सीनेशन की नियमित समीक्षा का भी निर्देश दिया है।

पीएम मोदी के मार्गदर्शन में मिली कामयाबी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूरी दुनिया पौने दो वर्ष से कोरोना महामारी का सामना कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश ने इस महामारी पर न केवल

कामयाबी पाई है बल्कि इसके रोकथाम का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसकी सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनिया की अनेक संस्थाएं कर चुकी हैं। देश का सबसे बड़ा

राज्य होने के चलते यूपी में कोरोना एक बड़ी चुनौती थी। पूर्व की सरकारों द्वारा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की अनदेखी से यह और चिंतित करने वाला विषय था। पर पीएम मोदी के

मार्गदर्शन और हेल्थ वर्कर्स, कोरोना वारियर्स के बेहतरीन टीम वर्क से कोविड मैनेजमेंट का शानदार उदाहरण पेश किया गया।

आज हर जिले में जांच, इलाज की सम्पूर्ण व्यवस्था

सीएम ने बताया कि मार्च 2020 में जब प्रदेश में कोरोना का पहला मामला आया था तब इसके जांच तक की सुविधा नहीं थी। आज प्रदेश के सभी 75 जिलों में जांच और इलाज की

सम्पूर्ण व्यवस्था है। आज प्रदेश में चार लाख कोरोना जांच प्रतिदिन की क्षमता है। लेवल वन, टू और थ्री के 1.80 लाख बेड उपलब्ध हैं। कोविड के सेकेंड वेव में ऑक्सीजन की

किल्लत देखने को मिली थी। इस समय भारत सरकार, वायुसेना, रेलवे की मदद के साथ ही टैंकरों से ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित कराई गई थी। वर्तमान में ऑक्सीजन के

मामले में प्रदेश आत्मनिर्भर है और यहां 558 ऑक्सीजन प्लांट फंक्शनल हैं। गोरखपुर में कोरोना जांच की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन

10000 आरटीपीसीआर जांच की सुविधा है। साथ ही इस मेडिकल कॉलेज में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट और पीएसए प्लांट क्रियाशील है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में

ऑक्सीजन युक्त 500 बेड का डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल है, जिसमें से 300 बेड वेंटिलेटर और एचएफएनसी की सुविधा वाले हैं।