- फ‌र्स्ट डोज कोविशील्ड व सेकेंड डोज कोवैक्सीन की लगवा चुके 20 लोगों के सैंपल की आरएमआरसी ने जारी की जांच रिपोर्ट

- पहले अध्ययन में बॉडी के किसी अंग में नहीं दिखा कोई चेंज, एनआईवी पुणे कर रही सैंपल टेस्टिंग

GORAKHPUR: कोरोना पीरियड के डरावने माहौल में पब्लिक के लिए एक राहत भरी न्यूज आई है। कोविड वैक्सीनेशन की दो अलग-अलग वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन की कॉकटेल डोज की जांच का अध्ययन पूरा हो चुका है। फ‌र्स्ट फेज के लिए गए तीन अलग-अलग ग्रुप के सैंपलों की जांच पुणे एनवाईवी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी) कर चुकी है। गोरखपुर आरएमआरसी (क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र) ने इसकी रिपोर्ट भी जारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार कॉकटेल डोज लेने वाले 20 व्यक्तियों की इम्युनिटी अच्छी मिली है। पहले अध्ययन में शरीर में कोई बदलाव नहीं दिखा। इससे कहा जा सकता है कि लोगों का इम्युन सिस्टम मजबूत होता है तो उनमें कोरोना संक्रमण से लड़ने की पावर भी अधिक होगी। हालांकि, इस रिपोर्ट के बाद अभी तीन अलग-अलग समूहों के दो बार और नमूने लेकर अध्ययन किए जाने हैं।

गलती से पहले लगाई कोविशील्ड, फिर को-वैक्सीन

जानकारी के मुताबिक यूरोप के कई देशों में कॉकटेल डोज का अध्ययन लगभग पूरा हो चुका है। इनमें ब्रिटेन और यूरोप के कई देश शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इसके रिजल्ट भी बेहतर मिले हैं। इस बीच कॉकटेल डोज के अध्ययन के लिए भारत में भी इसकी शुरुआत होनी थी, लेकिन इसकी मंजूरी आईसीएमआर (इडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की ओर से मिल नहीं रही थी। इन सबके बीच सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ तहसील के औंदही कला में स्वास्थ्य कर्मियों की गलती से 20 लोगों को पहली डोज कोविशील्ड की और दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगा दी गई। इसकी जानकारी जब आईसीएमआर को हुई तो आरएमआरसी को ऐसे लोगों के नमूने इकट्ठा करने के निर्देश दिए गए। आरएमआरसी की टीम ने इन सभी के दो-दो सैंपल लेकर जांच के लिए एनआईवी पुणे भेजे थे। पहला सैंपल चार जून और दूसरा 11 जून को लिया गया। इनमें पहले सैंपल का अध्ययन पूरा हो चुका है। इसकी रिपोर्ट आरएमआरसी की ओर से जारी की गई है। आरएमआरसी का मानना है कि कॉकटेल डोज का यह फार्मूला अब तक सुरक्षित मिला है। सभी 20 लोगों की इम्युनिटी अच्छी मिली है। शरीर के किसी अंग पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखा। एक छोटी सी गलती का बड़ा फायदा होता दिख रहा है।

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तीन ग्रुप के लिए गए हैं दो-दो बार सैंपल

आईसीएमआर के प्लानिंग कार्डिनेटर व आरएमआरसी के निदेशक डॉ। रजनीकांत ने बताया, कॉकटेल डोज के अध्ययन के लिए तीन ग्रुप के सैंपल लिए गए हैं। इनमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगवा चुके 40-40 लोगों के दो बार नमूने लिए गए हैं। जबकि पहली डोज कोविशील्ड और दूसरी डोज कोवैक्सीन लगवा चुके 18 लोगों के सैंपल शामिल हैं।

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चारों सैंपल का अलग-अलग होगा अध्ययन

पहला सैंपल चार जून, दूसरा 11 जून को लिया गया है। जबकि तीसरा 180 दिन बाद और चौथा 365 दिन बाद लिया जाएगा। सभी सैंपल्स की जांचों का अध्ययन एनआईवी की टीम अलग-अलग करेगी। चार सैंपल के अध्ययन का रिजल्ट भी अलग-अलग जारी किया जाएगा। इससे यह पता चल सके कि समय के साथ शरीर में क्या-क्या बदलाव दिख रहे हैं।

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तीन ग्रुप के अलग-अलग 98 नमूने लिए गए थे। इनमें पहले गए सैंपल की जांच हो चुकी है। सभी 20 लोगों की इम्युनिटी बेहद अच्छी मिली है। पहले अध्ययन में शरीर में कोई बदलाव नहीं दिखा। इसका पेपर अंतरराष्ट्रीय जनरल में पब्लिश करने के लिए भेज दिया गया है। इसके अलावा सभी के कुल चार सैंपल लिए जाने हैं। इनमें दो बार सैंपल लिए जा चुके हैं और दो बार और सैंपल लिए जाएंगे। सभी नमूनों का अध्ययन अलग-अलग किया जा रहा है। एक साल तक अध्ययन होगा।

डॉ। रजनीकांत, निदेशक, आरएमआरसी व मीडिया कार्डिनेटर आईसीएमआर