- दुकानें खोलने के लिए साइबर कैफे से हो रहा फर्जीवाड़ा

- ई पास रिजेक्ट होने पर एडिटिंग करने वाला गिरोह सक्रिय

GORAKHPUR: लॉकडाउन के बीच अगर आपने दुकान खोलने के लिए ई-पास आवेदन किया है और वह रिजेक्ट हो जा रहा तो दुकान बंद ही रखिए। दुकान खोलने के लिए ई-पास आवेदन में फर्जीवाड़ा किया तो एपिडेमिक एक्ट में कार्रवाई हो जाएगी। सिटी के कुछ दुकानदारों ने ऐसा ही फर्जीवाड़ा कर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। इन सभी के खिलाफ एसडीएम सदर ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। इन लोगों के नाम सदर तहसील के फेसबुक पेज पर बाकायदा पोस्ट भी किए जा रहे ताकि यह गलती दूसरा कोई न कर सके।

साइबर कैफे से हो रहा खेल

सदर तहसील से मिली जानकारी के मुताबिक, गोरखनाथ थाना क्षेत्र के हुमायूंपुर उत्तरी चकसा हुसैन के रहने वाले मो। आलम ने फल-सब्जी सेलिंग के लिए ई-पास आवेदन किया था। जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर 188040361 है। इस रजिस्ट्रेशन नंबर वाले आवेदन को अमान्य होने के कारण रिजेक्ट कर दिया गया। लेकिन आवेदक ने रिजेक्टेड रजिस्ट्रेशन वाले आवेदन फॉर्म का प्रिंट निकलवा साइबर कैफे की मदद से उसमें एडिटिंग की। उस पास को वैलिड कराकर कारोबार किया जा रहा था। जांच में जब मामला पकड़ा गया तो तहसील के अधिकारियों के होश उड़ गए। ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट-एसडीएम गौरव सिंह सोंगरवाल ने मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से कार्रवाई के निर्देश जारी किए। कूटरचित तरीके से ई-पास जारी करने के प्रकरण की डीएम तक जानकारी पहुंचा दी गई है। तहसील से मिली जानकारी के मुताबिक करीब दो दर्जन से अधिक और ऐसे दुकानदार भी हैं जिन्होंने ये फर्जीवाड़ा किया है जिनकी तलाश जारी है।

तहसील से होगा खेल तो नपेंगे जिम्मेदार

बता दें, पास में खेल का मामला पहला नहीं है। इससे पहले भी इलाहीबाग एरिया में नगर निगम के सुपरवाइजर के ड्यूटी पास में एडिटिंग कर 200-400 रुपए में सब्जी ठेले वालों को बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया था। इस मामले में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। मुकेश रस्तोगी ने भी सारे पास कैंसिल करते हुए नए सिरे से पास जारी किया था। वहीं सूत्रों की मानें तो सदर तहसील में बाबूओं की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इस पर ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट-एसडीएम सदर गौरव सिंह सोंगरवाल ने तहसीलदार के नेतृत्व में एक टीम बनाकर जांच करने की बात कही है। जो भी इस खेल में शामिल होगा उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कैसे होता है आवेदन

- डेली ढाई से तीन हजार आवेदन ई पास के लिए आ रहे हैं।

- स्टेशनरी, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, चश्मा, आटोमोबाइल पा‌र्ट्स आदि ट्रेडों की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है।

- व्यापारियों को आधार कार्ड, जीएसटीएन, पहचान पत्र आदि के साथ ई पास के लिए ऑनलाइन आवेदन करना है।

- एसडीएम सदर के कार्यालय से दुकानों के लिए ई पास जारी किए जा रहे हैं।

- प्रशासन की ओर से इस कार्य के लिए 12 कर्मचारियों की ड्यूटी 24 घंटे लगाई गई है

- रोज आने वाले आवेदनों में से मात्र 25 प्रतिशत को ही पास जारी हो पा रहा है।

- अन्य व्यापारी पास न मिलने से दुकान नहीं खोल पा रहे।

वर्जन

मो। आलम के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की बात कही गई है। इसके साथ ही डीएम द्वारा बताई गईं वस्तुओं और सेवाओं के प्रतिष्ठान संचालक ही ई-पास के लिए आवेदन कर सकते हैं। जो भी अवैध ई-पास पाए जाते हैं उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गौरव सिंह सोंगरवाल, ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट-एसडीएम सदर

बॉक्स

फर्जी पास बनाने वाला अरेस्ट

लॉकडाउन का फर्जी पास जारी किए जाने की सूचना पुलिस अधिकारियों को कई दिनों से मिल रही थी। सूचना का संज्ञान लेते हुए एसएसपी के निर्देश पर एसपी सिटी डॉ। कौस्तुभ ने थाना प्रभारी तिवारीपुर को लेकर टीम गठित की। जांच में पुलिस ने जाफराबाद निवासी मो। इस्लाम पुत्र मतीउल्ला कुरैशी के पास से फर्जी पास बरामद किया। पूछताछ में उसने बताया कि उसे फर्जी पास अनस ने जारी किया है। उसके बाद पुलिस ने दोनों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया। अनस ने पुलिस के सामने अपनी गलती स्वीकार कर ली। एसपी सिटी डॉ। कौस्तुभ ने बताया कि तिवारीपुर एरिया में फर्जी पास बनाने की जानकारी मिलने पर टीम गठित की गई थी। इस मामले में अभियुक्त को अरेस्ट कर फर्जीवाड़े का खुलासा किया गया है।