- साइबर क्राइम के शिकार पीडि़तों को मिली पुलिस की मदद

- क्राइम ब्रांच कर रही अवेयर, लॉकडाउन में जरूर रहें सजग

केस एक: ओटीपी पूछकर उड़ाए रुपए

मेरे साथ 15 फरवरी को घटना हुई थी। इसकी सूचना मैंने 18 फरवरी को क्राइम ब्रांच की साइबर सेल को दिया। एक माह के अंदर मेरे एकाउंट से ट्रांजेक्शन किया गया। 56 हजार रुपया वापस हो गया। मुझे बेवजह की कोई दौड़भाग नहीं करनी पड़ी। मेरे मोबाइल फोन पर पेटीएम था। उसका कोड जानने के चक्कर में मैं जालसाजों के फेर में फंस गया। मेरे एकाउंट से 36 हजार रुपए का डेबिट हुआ तो मैं भागकर तत्काल पीएनबी बैंक के ब्रांच गया। मैनेजर ने बताया कि जालसाजी हुई है। मैंने तत्काल साइबर सेल को सूचना दी। मेरे एकाउंट से गायब नकदी 56 हजार लौटा दी गई। यह कहना है साहबगंज में बिजनेस करने वाले कृष्ण कुमार अग्रहरि की जिनकी रकम क्राइम ब्रांच ने वापस कराई है। उन्होंने बताया कि आनलाइन फ्रॉड करने वाले सबकी जल्दबाजी का फायदा उठाकर ट्रांजेक्शन कर लेते हैं। पैसे वापस आने से हम काफी खुश हैं।

केस दो: लिंक भेजकर गायब कर दिए रुपए

मेरे भाई विनय कुमार श्रीवास्तव के एकाउंट से जालसाजों ने 43435 रुपए का ट्रांजेक्शन कर लिया था। एक व्हीकल खरीदने के सिलसिले में बातचीत हुई। गूगल-पे पर लिंक भेजकर अगले व्यक्ति ने रुपए देने को कहा। उसने 20 रुपए डालकर कंफर्म किया। फिर कहा कि लिंक को क्लिक कर दीजिए। मैंने लिंक को क्लिक किया तो पहले पांच हजार, फिर सात हजार, फिर 10 हजार करके 50 हजार रकम निकल गई। मैंने तत्काल इसकी सूचना साइबर सेल को दी। त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम ने हमारी रकम वापस करा दी। यह कहना है कि पीडि़त नरेंद्र श्रीवास्तव जिनके भाई के एकाउंट से रुपए निकल गए थे। रुपए वापस आने पर उन्होंने साइबर सेल का आभार जताया। रुपए लौटने पर कहा कि हमारी मेहनत की पूंजी थी। जो साइबर सेल की सक्रियता से बच गई।

लॉकडाउन में पब्लिक को झांसा देकर एकाउंट से आनलाइन ट्रांजेक्शन की शिकायत पर साइबर सेल ने त्वरित कार्रवाई की। लॉकडाउन के दौरान साइबर सेल के पुलिस कर्मचारियों की सक्रियता से 10 लाख 42 हजार 110 रुपए की वापसी हो चुकी है। एसएसपी डॉ। सुनील गुप्ता ने क्राइम ब्रांच की साइबर सेल के कामों की समीक्षा के दौरान टीम के प्रभारी- एसआई महेश कुमार चौबे, सीसीओ शशिकान्त जायसवाल, सीसीओ शशिशंकर राय, साइबर सेल, महिला कांस्टेबल नीतू नाविक को शाबासी दी।

48 के एकाउंट में वापस हुई रकम

साइबर सेल ने एटीएम कार्ड नंबर, ओटीपी पूछकर पैसे निकालने, फेसबुक अकाउन्ट हैककर रुपए मांगने, फोन पे, पेटीएम पर कैश बैक/ रिवा‌र्ड्स प्वाइन्ट के नाम पर लिंक भेजकर रुपए निकालने की शिकायतों पर कार्रवाई की। एक मार्च से लेकर 23 मई तक हुई कार्रवाई में कुल 48 पीडि़तों की शिकायत पर साइबर सेल ने जांच की। विभिन्न प्रकार से हुई जालसाजी की रकम 10 लाख 42 हजार 110 रुपए वापस कराने में टीम सफल रही। साइबर सेल के एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि समय से सूचना मिलने पर कार्रवाई में मदद मिलती है। कई बार लोग एप्लीकेशन देने में काफी विलंब कर देते हैं। इस वजह से लोगों की मदद नहीं हो पाती।

इनकी रकम हुई वापस

कृष्ण कुमार अग्रहरी 56 हजार रुपए

विनय कुमार श्रीवास्तव 43435 रुपए

महिला कांस्टेबल आराधना देवी 87 हजार रुपए

राजीव कुमार राय 89997 रुपए

विनोद कुमार पांडेय 44999 रुपए

प्रवेश कुमार 60000 रुपए

आनलाइन बैकिंग के समय बरतें सावधानी

ऑनलाइन बैंकिंग में नेट बैंकिंग पासवर्ड याद रखें और इसे किसी के भी साथ साझा न करें।

एक सेफ नेटवर्क के साथ ऐसे कंप्यूटर का इस्तेमाल करें जिसे आप जानते हैं। पब्लिक कंप्यूटर और असुरक्षित नेटवर्क से इंटरनेट बैंकिंग इस्तेमाल न करें। कंप्यूटर कीबोर्ड के बजाय लॉगिन डिटेल में होवरिंग डिजिटल कीबोर्ड का उपयोग करे। इस्तेमाल के बाद साइट को लॉग आउट करना न भूलें। चेक बुक को हमेशा सुरक्षित स्थान पर रखें। पहले से कोई सिग्नेचर किए हुए चेकबुक का दुरुपयोग हो सकता है।

रिकॉर्डिंग पर्ची पर जारी किए गए चेकों का डिटेल रिकॉर्ड करें।

बैंक किसी से कोई ओटीपी, कार्ड और एकाउंट नंबर नहीं पूछता है। इसलिए किसी को कोई जानकारी न दें। समय-समय पर अपने एकाउंट का पिन पासवार्ड बदलते रहे। लॉटरी, ईनाम, सस्ते में सामान देने सहित अन्य तरह के लुभावने आफर्स से बचें, एप के इस्तेमाल में सावधानी बरतें।

टीम वर्क अच्छा है। इसे बेहतर बनाने की जरूरत है। जागरूकता और सावधानी बरतकर लोग साइबर क्राइम से बच सकते हैं। पब्लिक की जागरूकता के लिए समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं। समय से सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई हो पाती है।

डा। सुनील गुप्ता, एसएसपी