- गूगल पर हेल्प लाइन नंबर से जमकर हो रही ठगी

- कंपनियों और फ‌र्म्स की फर्जी हेल्पलाइन से जालसाजी

GORAKHPUR: मैं आर्मी में नायक हूं। मेरी तैनाती पठानकोट कैंट माधोपुर में है। मैंने तीन जुलाई को इंडिगो की फ्लाइट का एयर टिकट बुक कराया था। कोविड 19 की वजह से मेरी फ्लाइट कैंसिल हो गई। टिकट के पैसे रिफंड कराने के लिए मैंने गूगल सर्च से इंडिगो कस्टमर केयर का नंबर निकाला। उस पर बात करने की कोशिश की तो नंबर काफी देर तक बिजी बताता रहा। पांच मिनट के बाद किसी दूसरे नंबर से काल आई। काल करने वाले ने खुद को इंडिगो का कर्मचारी बताया। उसने रिफंड के लिए प्लेट स्टोर से प्ले स्टोर से क्यूएस ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा। मैंने जैसे ही एप डाउनलोड किया। मेरा फोन हैक हो गया। हैकर ने फोन करके बताया कि आप की रकम एकाउंट में भेजी जा चुकी है। फोन पे के जरिए बैलेंस चेक कर सकते हैं। बैलेंस चेक करने पर रुपए 90999 डेबिट होने का मैसेज आया। तभी से मैं कार्रवाई के लिए परेशान हूं। मैंने एसएसपी से मिलकर साइबर सेल को तहरीर दे दी है। लेकिन यह किसी के साथ भी हो सकता है। इसलिए किसी तरह के हेल्प लाइन नंबर पर काल करने के लिए अथेटिंक सोर्स की मदद लें। यह कहना है कि सहजनवां कस्बे के वार्ड नंबर 7 लुचुई निवासी धर्मेंद्र कुमार यादव (डीके यादव) जो आनलाइन जालसाजी के शिकार हाल ही में हुए हैं। ऐसी घटना किसी के साथ दोबारा न हो। इसलिए धर्मेद्र लोगों को मैसेज भेजकर अवेयर भी कर रहे हैं। यह कोई पहला मामला नहीं है, फर्जी हेल्प लाइन नंबर के जरिए जालसाज तमाम लोगों को चपत लगा चुके हैं।

हेल्पलाइन नंबर से ठगी, नौकरी के नाम पर झांसा

कई कंपनियों, एजेंसियों की तरफ से हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाते हैं। उन हेल्प लाइन पर काल करके मदद लेने की सुविधा मिलती है। इसका फायदा उठाते हुए जालसाजों ने गूगल सर्च इंजन पर फर्जी हेल्प लाइन नंबर बना रखे हैं। किसी हेल्प लाइन नंबर की जरूरत पड़ने पर जब कोई भी व्यक्ति काल करता है तो सीधे कंपनी, फर्म या संस्था से संपर्क होने के बजाय जालसाज उसे ट्रैक कर देते हैं। फिर एक एप को डाउनलोड करने का झांसा देकर जरिए ठगी की जाती है। ऐसे घटनाओं से बचाव के लिए सावधानी बरतना जरूरी है। साइबर सेल से जुड़े लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमण में बहुत से लोगों की नौकरी चली गई है। इस चक्कर में कंपनी और किसी संस्था में नौकरी दिलाने के नाम पर भी ठगी की जा रही है। जालसाजों का गैंग लोगों को नौकरी देने के लिए काल करता है। फिर ट्रेनिंग के नाम पर उनका रजिस्ट्रेशन भी कराया जा रहा है। रजिस्ट्रेशन चार्ज से लेकर हर तरह की फीस भी वसूली जा रही है।

साइबर दोस्त कर रहा अलर्ट

इस मामले के मामले सामने आने पर गवर्नमेंट आफ इंडिया के साइबर क्राइम पोर्टल के ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त के जरिए लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। रोजाना ट्विट करके पब्लिक को अवेयर करते हुए साइबर दोस्ट इससे बचने के लिए उपाय भी बचा रहे हैं।

हाल के दिनों में ऐसे शुरू हुई ठगी

- फेमस कंपनियों में नौकरी के फर्जी आवेदन जारी करके ठगी

- फर्जी ई कामर्स वेबसाइट्स पर सामानों में भारी छूट देने का झांसा

- बैंक एकाउंट में रुपए क्रेडिट करने का मैसेज भेजकर जालसाजी

- सोशल मीडिया प्लेटफार्म से पर्सनल डिटेल चुराकर फाइनेंसियल फ्रॉड

- गवर्नमेंट चैरिटी के नाम पर कार्यक्रमों के आयोजन के बहाने ठगी

ये बरतें सावधानी

- किसी भी संस्था, बैंक, एजेंसी से संबंधित हेल्पलाइन के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर सर्च करें।

- फेक या फर्जी साइट से बचने के लिए संबंधित के जानकारी पूरी जानकारी जुटाकर ही प्रक्रिया अपनाएं

- किसी कंपनी में एप्लीकेशन के नाम पर पहले खुद से जांच पड़ताल करें। इसके बाद आवेदन करें।

- बैंक एकाउंट में रुपए क्रेडिट होने का मैसेज आने पर चेक करते समय बेहद ही सावधानी बरतें।

- सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी पर्सनल जानकारी शेयर न करें। गोपनीय जानकारी शेयर करने से बचें।

- चैरिटी शो या अन्य किसी तरह के कार्यक्रम के संबंध में खुद से जानकारी जुटाकर ही कोई लेनदेन करें।

इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। साइबर सेल की तरफ से सभी को बचाव के टिप्स दिए जाते हैं। ऐसे मामलों में कार्रवाई भी जारी है। सावधानी बरतकर ही ठगी से बचा जा सकता है।

शशिशंकर राय, साइबर एक्सपर्ट