गोरखपुर (ब्यूरो).साइकिलिंग कहने को तो सिर्फ एक एक्सरसाइज है, लेकिन अगर इसके फायदे को गिनने के लिए बैठा जाए तो उंगलियां कम पड़ जाएंगी। अब घरों में साइकिलिंग न करने के हजारों बहाने भी अक्सर सुनने को मिल ही जाते हैं। मसलन, थोड़ी दूर साइकिल चलाने पर सांस फूलने लगती है, कमजोरी महसूस होने लगती है, थकावट महसूस होती है, वगैरा-वगैरा। मगर शायद आपको यह जानकार हैरानी हो कि साइकिलिंग घाटे का सौदा बिल्कुल नहीं है। डॉक्टर्स की मानें तो साइकिलिंग, कोरोनरी हार्ट डिजीज के रिस्क को मिनिमाइज कर देती है।

एरोबिक एक्सरसाइज है साइकिलिंग

जिम करने और दौड़ लगाने से अच्छा अगर साइकिलिंग की जाए, तो इसका काफी फायदा होगा। डॉक्टर्स की मानें तो साइकिलिंग एक एरोबिक एक्सरसाइज है। इससे लंग्स और ब्लड वेसल्स को अच्छा वर्क आउट देता है। जिससे हार्ट प्रॉब्लम का रिस्क काफी कम हो जाता है। वहीं साइकियाट्रिस्ट डॉ। डॉ। अमित शाही ने बताया कि साइकिलिंग से ब्लडप्रेशर कंट्रोल होता है। साइकिलिंग करते टाइम जो प्लेजर मिलता है, वह किसी भी पर्सन का स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन दूर करता है।

स्टेमिना बढ़ाती है साइकिलिंग

लगातार साइकिल चलाने से स्टेमिना घटता नहीं बढ़ता है। डॉक्टर्स की मानें तो साइकिलिंग से स्टेमिना बढ़ जाता है। साथ ही साइकिलिंग से मसल्स को टोन्ड और ट्रिम्ड बना देती है। क्योंकि साइकिलिंग करते टाइम अपर थाइज, बैक और कॉफ मसल्स एक साथ वर्क करते है। उन्होंने बताया कि साइकिलिंग की कोई एज नहीं होती। बस सेहत का ख्याल रखना चाहिए। 55 साल की एज तक सभी साइकिलिंग कर सकते है। साइकिलिंग से हार्ट, हाइपरटेंशन, डिप्रेशन से बचा जा सकता है।