- प्रोटेक्शन केयर सेंटर में मासूम बच्चों के हर हफ्ते लिए जा रहे सैम्पल
- बुखार, सर्दी, जुखाम न हो इसके लिए जिम्मेदार लगा रहे ऊपर वाले से गुहार
GORAKHPUR:
आंटी हम लोगों का कितनी बार कोरोना जांच होगा? कितनी बार मूंह खोलू तभी डॉक्टर बोलतें हैं कि बेटा और बड़ा मूंह खोलो, सैंपल लेना है। इस तरह के नजारे इन दिनों केयर एंड प्रोटेक्शन सेंटर में रहने वाले बच्चों के बीच देखे जा सकते हैं। जब से स्नेहालय में एक स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव केस निकलने का मामला प्रकाश में आया। उसके बाद ही से जिला प्रोबेशन कार्यालय समेत सभी अधिकारी एकदम से सक्रिय हो चुके हैं। डेली बाल संरक्षण अधिकारी इन बच्चों के केयर के लिए घर छोड़ इन बच्चों की देखरेख में जुट गई हैं।
सर्दी, जुखाम, बुखार होने पर तुरंत हो रही जांच
बता दें, गोरखपुर जिले के केयर एंड प्रोटेक्शन सेंटर में इन दिनों 191 बच्चे रह रहे हैं। इन बच्चों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। वो भी ऐसे समय में जहां हर जगह कोरोना ने दस्तक दे दिया है। लेकिन कुछ बच्चों को सर्दी, जुखाम और बुखार के लक्षण होने पर जहां उनके केयर को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों के रातों की नींद उड़ गई हैं। वहीं इन मासूम बच्चों के देखभाल के लिए केयर सेंटर में बाल संरक्षण विभाग, यूनीसेफ की टीम पहुंचकर बच्चों का हाल चाल लेने का काम शुरू कर दी है। प्रति दिन बच्चों की रिपोर्ट बनाई जा रही है। बच्चों को हेल्थ के लिए उनके दवाओं की उपलब्धता चेक की जा रही है। उनके सेनेटाइजर से लगाए मास्क और खाने पीने की क्या व्यवस्था है। इन तमाम पहलुओं पर चेक किया जा रहा है। जो केयर एंड प्रोटेक्शन सेंटर पहले से आवासीय केयर टेकर हैं। उन्हें भी पूरी तरह से सेनेटाइजर के इस्तेमाल व प्रीकॉशन के साथ बच्चों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए निदेर्शित किया गया है। इसके साथ ही साथ-बच्चों के हाईजिन और उनके इम्युनिटी का पूरा ख्याल रखने के लिए प्रत्येक बच्चे के हेल्थ का चेक अप किया जा रहा है। इसके लिए जो डायट चार्ट है, उसमें किसी प्रकार की कोई कमी भी नहीं होने दी जा रही है।
इन सभी केयर एंड प्रोटेक्शन सेंटर्स के बच्चों का हुआ कोरोना जांच
1-स्नेहालय, पादरीबाजार
बच्चों की संख्या - 0-10 वर्ष - 13
बच्चों की संख्या - 10-18 वर्ष - 32
कुल - 45
सुप्रीटेंडेंट का नाम - फादर लिजो
2- एशियन सहयोगी संस्थान, गीता वाटिका
बच्चों की संख्या - 0-10 वर्ष - 23
कुल - 23
सुप्रीटेंडेंट का नाम - उषा दास
3- प्रतीक्षा खोराबार
बच्चों की संख्या - 0-10 वर्ष - 13
बच्चों की संख्या - 10-18 वर्ष - 24
कुल - 37
सुप्रीटेंडेंट का नाम - टेसा
4- आश्रय, कैंपियरगंज
बच्चों की संख्या - 10-18 वर्ष - 22
कुल - 22
नोट- मेंटली चैलेंच्ड लड़कियां
सुप्रीटेंडेंट का नाम - अर्पिता
5-सरस्वती शिशु गृह, गगहा
बच्चों की संख्या - 0-10 वर्ष - 23
कुल -23
सुप्रीटेंडेंट का नाम - मनीषा ओझा
6-एलएस डीपी प्रोविडेंस होम, एकला गुलरिहा
बच्चों की संख्या - 0-10 वर्ष - 25
बच्चों की संख्या - 10-18 वर्ष - 16
कुल - 41
सुप्रीटेंडेंट का नाम - सिस्टर लिंसी
बच्चों की इस प्रकार की जा रही है देखभाल
- डॉक्टर द्वारा बच्चों के परेड हेल्थ चेकअप
- साफ- सफाई
- सोशल डिस्टेंसिंग
- हैंड वॉश
- आइसोलेशन रूम (अगर कोई बच्चा लॉक डाउन के दौरान आए तब)
-बाहरी स्टाफ पर प्रतिबंध
- प्रत्येक बच्चों को कपड़े को सामूहिक धूलने की नहीं है इजाजत।
- मास्क, सेनेटाइजर का प्रॉपर इस्तेमाल।
- डब्लूएचओ के गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों के बीच कोविड-19 को लेकर अवेयरनेस प्रोग्राम
- स्वास्थ्य बिगड़ने पर हॉस्पिटल में इलाज
वर्जन
केयर एंड प्रोटेक्शन सेंटर्स में रखे गए बच्चों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इन बच्चों के कोरोना जांच की रिपोर्ट निगेटिव आई है। स्नेहालय में एक स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद बच्चों का फिर से कोरोना जांच करवाया गया था। सभी निगेटिव हैं।
डॉ। सुमन शुक्ला, जिला बाल संरक्षण अधिकारी