गोरखपुर (शिवाकर गिरि)। इसी कड़ी में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी अपने 13,506 स्टूडेंट का डेटा यूपी गवर्नमेंट को जल्द भेजेगा। इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से तेजी से कार्य किया जा रहा है।

रजिस्ट्रेशन की बढ़ी डेट, 25 नवंबर तक स्टूडेंट्स को मौका

बता दें, यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से स्टूडेंट्स की सुविधा को देखते हुए बाकायदा यूनिवर्सिटी की ऑफिसियल वेबसाइट पर लिंक अपलोड किया गया है। जहां से स्टूडेंट्स इस फार्म को स्वत: भर सकते हैं। खास बात है, शनिवार को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन फार्म भरने की तिथि को 25 नवंबर तक बढ़ा दी है। वीसी के निर्देशानुसार यूजी और पीजी के सभी विभागों में तेजी से स्टूडेंट्स से रजिस्टे्रशन फार्म भरवाए जा रहे हैं। इसके लिए डिपार्टमेंट में स्टूडेंट्स को अवेयर भी किया जा रहा है। ताकि सभी स्टूडेंट का डाटा शासन को भेजा जा सके। इसके अलावा यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से यूजी, पीजी और पीएचडी के भी सभी पंजीकृत स्टूडेंट का डाटा कलेक्ट किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक डाटा को 25 नवंबर तक भेज दिया जाएगा।

कॉलेजों के लिए यह प्रॉसेस

शासन के निर्देशानुसार कॉलेजों को नोडल एजेंसी की ओर से उपलब्ध कराई गई एक्सल शीट फार्मेट पर स्टूडेंट्स का डाटा भेजना होगा। इसके लिए कॉलेजों को क्षेत्राधिकारी उच्च शिक्षाधिकारी से फारवर्ड कराने के बाद यूनिवर्सिटी के कुलसचिव से सत्यापित कराना होगा। खास बात है कि कॉलेज की ओर से ही इसे शासन को भेजना होगा। यह डाटा कॉलेज के नोडल अधिकारी के इमेल आईडी से शासन को भेजा जाएगा।

यूनिवर्सिटी के लिए प्रॉसेस

बता दें, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सभी स्टूडेंट का डाटा एक साथ भेजने की योजना बनाई है। वजह यही है कि शनिवार को रजिस्ट्रेशन की निर्धारित तिथि को आगे बढ़ाकर 25 नवंबर कर दी गई। शासन के निर्देशानुसार यह सभी डाटा कुलसचिव अपने ईमेल आईडी से भेजेंगे।

प्राइवेट स्टूडेंट्स को नहीं मिलेगा मौका

शनिवार को तमाम स्टूडेंट कुलसचिव ऑफिस और अन्य डिपार्टमेंट में इस फार्म की जानकारी लेने पहुंचे। जहां से इन सभी को निराश लौटना पड़ा। दरअसल, शासन की ओर से निर्धारित मानक के अनुसार प्राइवेट एडमिशन कराकर पढऩे वाले स्टूडेंट इस लाभ से वंचित रहेंगे।

25 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन की डेट बढ़ा दी गई है। यूजी, पीजी के साथ पीएचडी से 13,506 स्टूडेंट का डाटा शासन को भेजा जाएगा। इसके लिए सभी डिपार्टमेंट को जिम्मा सौंपी गया है।

विश्वेश्वर प्रसाद, कुलसचिव डीडीयू