- गुआक्टा समेत अन्य संगठनों ने की मुलाकात

GORAKHPUR:

गुआक्टा के शिष्टमंडल ने अखिल भारतीय विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और ब्रह्मानंद पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। विवेक द्विवेदी एवं उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ। वीरेंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में बुधवार को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। शिष्टमंडल ने मुलाकात के दौरान गोरखपुर विश्वविद्यालय के वीसी डॉ। राजेश सिंह की शिकायत की। करीब 45 मिनट की मुलाकात में गुआक्टा अध्यक्ष ने महामहिम से आग्रह किया कि जब प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक शिक्षकों को शोध का अधिकार प्राप्त है और 20 मार्च 2020 को यह एजेंडा कार्यपरिषद से पास है तो गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों को भी यह सुविधा मिलनी चाहिए। कुलाधिपति ने इसे दिलाने का भरोसा दिलाया। इसी प्रकार बिन्दु संख्या 2, जिसमें नए शिक्षकों को तीन साल का अवकाश लेकर शोध करने का नियम कुलपति ने बनाया था, उसे भी शिथिल कर पूर्ववत शोध करने की सुविधा प्रदान करने का भरोसा दिलाया और कुलाधिपति ने हमारे प्रदेश नेतृत्व को यह भरोसा दिलाया कि विश्वविद्यालय नियम और परिनियम के अनुसार शिक्षकों का जो भी हक है वह मिलेगा।

वीसी को बुलाकर किया जाएगा समाधान

कुलाधिपति ने यह भी कहा कि संवादहीनता से गतिरोध उत्पन्न होता है। एक दिन कुलपति और आप लोगों को एक साथ बुलाकर संवादहीनता खत्म कर समस्याओं के समाधान का रास्ता निकाला जाएगा। गुआक्टा ने जब शिक्षकों की वरिष्ठता सूची के संबंध में अपना अभिलेख प्रस्तुत किया और दिखाया कि शिक्षकों की वरिष्ठता सूची पर रजिस्ट्रार सहित सबका हस्ताक्षर है तब कैसे कुलपति इस वरिष्ठता सूची को नहीं मान रहे हैं और इस वरिष्ठता के आधार पर शिक्षकों को विद्या परिषद और कार्यपरिषद में नामित नहीं कर रहे हैं। गुआक्टा महामंत्री डॉ। धीरेंद्र सिंह व डॉ। केडी तिवारी ने कहा, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक विश्वविद्यालय की परीक्षाओं का बहिष्कार जारी रहेगा।