गोरखपुर (ब्यूरो)। वीसी ने कहा कि कृषि में संचालित कोर्स को आईसीएआर के मानकों के अनुरूप मेजर और माइनर कोर्स को बोर्ड ऑफ स्टडीज से अनुमोदन कराकर भेजे, जिससे

अगले सेमेस्टर में कोर्स को और समृद्ध किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोर्स के संचालन के साथ पठन पाठन की व्यवस्था को बेहतर बनाने की हर संभव कोशिश की जाएगी। कहा

कि आईसीएआर की गाइडलाइंस कृषि शिक्षा 2018 के मानकों पर, आईसीएआर एक्रीडेशन कराया जाता है, इसके अनुसार तीन यूनिवर्सिटी नरेंद्र देव कृषि यूनिवर्सिटी, काशी हिन्दू

यूनिवर्सिटी तथा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंस, नैनी, प्रयागराज कृषि सिलेबस की डिग्री दे रहे हैं। अब चौथा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी हो गया है।

जल्द ही इससे संबद्ध बीआरडी कॉलेज देवरिया, तथा नेशनल पीजी कॉलेज बड़हलगंज को भी आईसीएआर एक्रीडेशन सिस्टम में लाया जायेगा।

एआईसीटीई गाइडलाइंस से होगी इंजीनियरिंग सेमेस्टर एग्जाम

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो राजेश सिंह ने गुरुवार को इंजीनियरिंग संकाय के समन्वयक प्रो। लल्लन यादव व अन्य टीचर्स के साथ मीटिंग की। मीटिंग के दौरान कक्षाओं के

संचालन और एग्जाम आयोजन पर विस्तृत चर्चा की गई। इंजीनियरिंग के समन्वयक प्रो लल्लन यादव ने बताया, कंप्यूटर साइंस, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल

इंजीनियरिंग का 80 फीसदी कोर्स पूरा हो गया है। इस दौरान उन्होंने लैब निर्माण और उनके क्रय की प्रगति भी बताई।

कुछ सिलेबस में कोर्स पूरा नहीं

बेसिक साइंस गणित, रसायन विज्ञान से सम्बंधित कुछ सिलेबस का करीब 25 कोर्स पूरा नहीं है उसे जल्द से जल्द कक्षाओं को सुचारू रूप से संचालित कर पूरा किया जायेगा।

उन्होंने जल्द से जल्द कोर्स को समाप्त करने का निर्देश भी दिया जिससे इंजीनियरिंग संकाय की प्रथम सेमेस्टर की एग्जाम को फरवरी के पहले सप्ताह में एआईसीटीई की ओर से

तय मापदंडों के अनुसार कराया जा सके। कहा कि इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को एआईसीटीई के मानकों के आधार पर स्थापित किया गया है। इस इंस्टीट्यूट में कई

भविष्य की लैब जैसे साइबर सुरक्षा, डेटा माइनिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, हैंडलिंग एंड प्रोसेसिंग इत्यादि बनाई जा रही हैं। पहले सेमेस्टर में बेसिक साइंस के जो कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं वो

भैतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, कंप्यूटर साइन्स तथा इलेक्ट्रॉनिकस विभाग में पहले से ही उपलब्ध हैं।