गोरखपुर (ब्यूरो)। पब्लिक की सूचना पर पुलिस वहां पहुंची और घंटो मशक्कत के बाद शव को बाहर निकलवा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पुलिस शव को देखकर सुसाइड की आशंका जता रही है, जबकि घटना स्थल पर जुटे मृतक के परिवार वाले चिल्ला-चिल्लाकर पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हत्या की बात कह रहे हैं।

27 को घर से निकला, नहीं लौटा

परिवार के लोगों ने बताया कि 27 जनवरी को पिंटू पादरी बाजार स्थित अपनी नानी के घर गया था। रात में वहां से निकला फिर उसका कहीं पता नहीं चला। परिवार का आरोप है कि जब उन्होंने पादरी बाजार चौकी पर कंप्लेन की तो पुलिस कर्मियों ने उन्हें कैंपियरगंज थाने में शिकायत दर्ज कराने को कहा। परिजनों ने कैंपियगंज में गुमशुदगी दर्ज कराई। इसी बीच दूसरे ही दिन 28 जनवरी को पिंटू की ऑटो लावारिस हालत में पादरी बाजार के पास मिली, उसमे चाभी भी लगी थी।

शाहपुर में दर्ज हुई गुमशुदगी

परिवार का आरोप है कि शाहपुर थाने में जब इसकी कंप्लेन दर्ज की गई तो पुलिस मुकदमा लिखने में आना-कानी करने लगी। परिवार के पास शाहपुर थाने की जनसुनवाई वाली रसीद 30 जनवरी की है। लेकिन शाहपुर में 2 फरवरी को गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज किया गया। परिवार का आरोप है कि शाहपुर पुलिस उन्हें इस थाने से उस थाने दौड़ाती रही। यही नहीं शाहपुर पुलिस ने जहां ऑटो मिली है, उस एरिया को गुलरिहा में बताया गया है। परिवार वालों से पुलिस ने कहा कि वह लोग गुलरिहा में जाकर मुकदमा दर्ज कराएं।

तीन फरवरी को पिंटू से हुई थी बात

परिवार वालों का कहना है कि किसी अननोन नंबर से 3 फरवरी को पिंटू ने अपनी सगी बहन को कॉल की थी। कॉल करने के दौरान पिंटू ने दो बार हैलो बोला, इसके बाद कॉल डिस्कनेक्ट हो गई। परिवार वालों ने पुलिस जब यह जानकारी दी तो पुलिस ने उस उस नंबर पर कॉल भी की। तब किसी और कॉल रिसिव कर बोला कि वह जौनपुर से बोल रहा है। इसके बाद पुलिस ने उस नंबर की जांच नहीं की।

सड़क पर दहाड़ मारकर रोता रहा बेटा आयुष

कैंपियरगंज निवासी स्व। पारसनाथ के बेटा पिंटू पासवान ऑटो चलाता है। उसके दो बच्चे 10 साल की सौम्या और करीब 9 साल का आयुष कैंपियरंगज में ही क्लास एक में पढ़ते हैं। उसकी पत्नी पुष्पा घर पर ही रहती है। पिता की सूचना पर कैंपियरगंज से पादरी बाजार जेल बाईपास रोड पर पहुंचा पिंटू का 9 साल का बेटा आयुष दहाड़ मारकर रोता रहा। वहीं पिंटू के परिजन सड़क किनारे लगी जाली से तार से लटके शव को देखकर चिल्ला-चिल्लाकर रो रहे थे।

हॉस्पिटल में भी नहीं हैं सीसीटीवी कैमरे

जेल बाई पास रोड पर स्थित आसरा हॉस्पिटल जो कि अभी बंद चल रहा है। हॉस्पिटल के निचले हिस्से में कुछ जगह खाली है, उसके बगल से ही नाला निकला हुआ है। उसी नाले में पतली-पतली लोहे की छड़ लगी हुई है। उसी छड़ में तार बंधा था, जिसके शहारे शव लटक रहा था। शव का घुटने तक हिस्सा नाले में डूबा हुआ था। हॉस्पिटल में कहीं भी अभी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। जिससे पुलिस की परेशानी और बढ़ेगी।

पिंटू की मौत पर उठ रहे सवाल

। पिंटू हॉस्पिटल के नीचे वाले एरिया में आखिर कैसे पहुंचा?

। उसको सुसाइड करना था तो उसे केबल वाली तार कहां से मिली?

। 3 फरवरी को सिस्टर के पास कॉल कहां से आई थी, वह कौन था?

। पिंटू पादरी बाजार में ही दस दिनों तक कहां छिपा था?

। परिवार का आरोप है कि पिंटू की पैंट की चेन खुली थी, उसके चेहरे पर चोट दिख रही थी, कैसे आए जख्म?

। अगर किसी ने हत्या की तो वह शव को आखिर यहां क्यों और कैसे ठिकाने लगाया?

। तार बांधने के लिए वहां कई और भी जगह थी, लेकिन ऐसी जगह पर तार बांधा गया, जिससे युवक का केवल पैर नाले में डूबा?

शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। फारेंसिक टीम ने भी वहां जाकर साक्ष्य जुटाए हैं। रिपोर्ट आने के बाद उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी सिटी