गोरखपुर (ब्यूरो)।सेकेंड वेव में कहर बरपाने वाला कोरोना संक्रमण अब कमजोर पड़ गया है। पिछले छह दिन से एक भी मरीज नहीं मिले हैं। सक्रिय मरीजों की संख्या मात्र चार है। पॉजिटिविटी रेट भी 0.1 परसेंट है। लेकिन डेंगू और मलेरिया के केसेज आने के बाद से हेल्थ डिपार्टमेंट की कसरत फिर बढ़ गई है। एडिशनल सीएमओ डॉ। एके चौधरी ने बताया, मलेरिया के दो केस मिले हैं। सभी 23 अर्बन पीएचसी व 19 रूरल सीएचसी पर आरडीटी किट भेज दी गई हैं, ताकि बुखार से पीडि़त व्यक्तियों की जांच की जा सके। इसके अलावा ब्लड सैैंपल के जरिए मलेरिया की जांच जो भी होगी। उसके लिए स्लाइड बनाई जाएगी। स्लाइड पर मलेरिया पैरासाइट की जांच कर उसमें कलर देखे जाएंगे। उसके दो दिन बाद रिपोर्ट दी जाएगी।

6880 सैंपल की हुई है जांच

मलेरिया के दो मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। जनवरी से लेकर अब तक लगभग 6880 नमूनों की जांच हुई है। इसमें मात्र दो मरीज मिले हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि मलेरिया के मामले बहुत कम हैं। फिर भी सतर्कता बरतनी जरूरी है। लोगों को साफ-सफार्ई व बचाव केप्रति जागरूक किया जा रहा है।

संक्रामक रोग का चल रहा है समय

सीएमओ डॉ। सुधाकर पांडेय ने बताया, यह संक्रामक रोगों का समय है। बेहतर है कि सभी लोग बचाव के प्रति सतर्क हो जाएं। कोविड प्रोटोकॉल मलेरिया व डेंगू सहित अनेक बीमारियों से भी बचाएगा। इसलिए मास्क लगाएं। कुछ खाने-पीने से पहले हाथों की साबुन-पानी से अच्छी तरह सफाई करें। शारीरिक दूरी बनाकर रहें।

एक सप्ताह से नहीं मिले डेंगू के केस

लगभग 15 दिन पहले लखनऊ व प्रयागराज से दो लोग डेंगू से पीडि़त होकर लौटे तो हेल्थ डिपार्टमेेंट में हड़कंप मच गया था। हालांकि, दोनों संक्रमण से उबर चुके हैं। इसके अलावा पिछले सप्ताह एक युवती में संक्रमण की पुष्टि हुई, जिसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसके बाद डेंगू के एक भी केस नहीं मिले हैं। जबकि अभी तक लगभग 723 लोगों की जांच हो चुकी है।

टेंप्रेचर से नहीं है कोई डर

मलेरिया के वायरस ऐसे हैं, जो साल भर एक्टिव रहते हैं और कभी भी अटैक कर सकते हैं। यही वजह है कि इसके अवेयरनेस प्रोग्राम भी लगातार चलते हैं। वॉटर लॉगिंग, बरसात, म्वायस्ट वेदर, इस पैरासिटिक डिजीज के लिए काफी फेवरेबल है। इसके बैक्टेरिया में एक बात जो अलग है, वह यह कि यह 16 डिग्री सेल्सियस टेंप्रेचर में भी अपना असर दिखा सकते हैं, तो वहीं 40 डिग्री टेंप्रेचर में भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। बाकी कीटाणु के लिए 16 से 32 टेंप्रेचर फेवरेबल होता है। यही वजह है कि राजस्थान और एमपी जैसे गर्म इलाकों में भी इसके पेशेंट पाए जाते हैं।

यह है वजह -

पानी का कलेक्शन

डीफोरेस्टाइजेशन

एटमॉस्फियर में ह्यूमिड

अवेयरनेस में कमी

गंदगी का फैला होना

लाइफ साइकिल मनुष्य और मच्छर में पूरी होती है

कैसे थमेगा मलेरिया -

- पूरे बाह का कपड़ा पहले और मच्छर दानी लगाकर सोए।

- ठंड लगकर बुखार चढ़े तो दो गोली क्लोरोक्वीन की खा लें, इसके बाद फौरन डॉक्टर को दिखाएं।

- घर के आसपास पानी न जमा होने दें, लारवा वहीं डेवलप होते हैं।

- इनके मच्छर रात में घरों में घुस जाते हैं। शाम होते ही घर के खिड़की दरवाजे बंद कर दें।

- मॉस्कीटो रिपलेंट, वेपोराइजर मशीन, नॉन इलेक्ट्रिक या इलेक्ट्रिक का इस्तेमाल करें।

- इनडोर रेसिडुअल स्प्रे करें यानि कि गेट की एंट्री पर स्प्रे कर दीजिए, जिससे मच्छर एंट्री ही न करें।

कूलर से मिल रहे हैं डेंगू के लार्वा

स्वास्थ्य विभाग की जांच में यह बात सामने आई कि घरों मे रखे फ्रीज की ट्रे, सिमेंट की टंकी, प्लास्टिक के कंटेनर, गमले और कूलर में भी डेंगू मच्छरों के लार्वा हैं। डेंगू का मच्छर गंदगी में नहीं बल्कि साफ और स्थिर पानी में पनपता है, ऐसे में घरों के अंदर ऐसे स्थान की सफाई कर दें जहां साफ और स्थिर पानी जमा है ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके।

डेंगू से ऐसे करें बचाव -

- डेंगू मच्छर दिन में काटता है।

- घर के सदस्यों को दिन में पूरी बांह की कमीज, फुल पैंट और पैरों में मोजा पहनना चाहिए।

- घरों में मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए।

- बुखार होने पर दवा का इस्तेमाल करने से पहले सावधानी बरतें।

- सिर्फ पैरासिटामॉल की गोली दें और बॉडी को पानी से भीगी पट्टियों से पोछें।

- बुखार तेज होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

कोरोना, डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिए डिपार्टमेंट ने सतर्कता बढ़ा दी है। रूरल एरिया में आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया है। वे मरीजों को चिह्नित कर स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच के लिए भेज रही हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में संदिग्धों की जांच की जा रही है। इस सप्ताह मलेरिया के दो मरीज मिले हैं। दोनों की तबीयत में सुधार है। उनका इलाज किया जा रहा है।

डॉ। सुधाकर पांडेय, सीएमओ गोरखपुर

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