-लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर विधि-विधान से पूजन-अर्चन

-दिन भर शिवालयों में हर-हर महादेव, बम-बम भोले, हर-हर गंगे के गूंजते रहे जयघोष

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: भगवान शिव को प्रिय श्रावण मास के पहले सोमवार पर शहर के सभी शिवालयों में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर मंगलकामना की। दिनभर शिवालयों में हर-हर महादेव, बम-बम भोले, हर-हर गंगे के जयघोष गू्जते रहे। श्रावण मास के पहले दिन रात्रि दो बजे से ही हाथों में जल की लुटिया व पूजन की थाल लिए श्रद्धालु शिवालयों पर पहुंचने लगे। देखते ही देखते शिवालयों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई। मंदिर में पुजारियों द्वारा पूजन-अर्चन के बाद सुबह चार बजे शिवालयों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए।

इसके बाद शुरु हुआ बाबा के जलाभिषेक और पूजन-अर्चन का सिलसिला जो देर शाम तक चलता रहा। इस बीच मंत्रोत्चार के बीच श्रद्धालुओं ने पहले महादेव का जलाभिषेक किया इसके बाद भांग, धतूरा, बेलपत्र, श्वेत मदार के पुष्प, गन्ना आदि चढ़ाकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। शिवलिंग के करीब एक साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के एकत्रित हुए। वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिना मास्क ही शिवालयों में जलाभिषेक करने पहुंचे।

महादेव झारखंडी एवं मुक्तेश्वरनाथ में पहुंचे श्रद्धालु

कूड़घाट स्थित महादेव झारखंडी में सुबह मंदिर के पुजारी शंभू गिरि के पूजन-अर्चन के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। यहां देखते ही देखते श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई। इस बीच अधिकतर लोग बिना मास्क नजर आए। मंदिर प्रबंधन के साथ ही पुलिस प्रशासन के अपील के बावजूद लोग यहां कोरोना से बचाव के प्रति लापरवाह बने रहे। मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष शिवपूजन तिवारी ने बताया कि श्रावण मास के पहले दिन महादेव झारखंडी में करीब 35 से 40 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा का जलाभिषेक किया। यही हाल राजघाट स्थित मुक्तेश्वरनाथ शिव मंदिर का रहा। यहां भी श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं हो सका। मंदिर के पुजारी रमानाथ ने बताया कि यहां करीब 30 से 35 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा का जलाभिषेक किया।