गोरखपुर (ब्यूरो)।इतना ही नहीं अल्ट्रासाउंड जांच के लिए एक नई और मशीन की डिमांड की गई है। इन उपकरणों को पीपीपी मोड पर चलाया जाएगा। प्राइवेट एजेंसी हिंद लैब को इन उपकरणों को चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि अभी एक रेडियोलॉजिस्ट के भरोसे जांच की जा रही है। प्रॉब्लम को दूर करने के लिए तीन और रेडियोलॉजिस्ट तैनात किए जाएंगे। जिससे जांच के लिए आने वाले मरीजों को सहुलियत मिल सके। यह जानकारी बुधवार को एम्स के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा ने दी। एम्स के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा ने बताया कि एम्स में उपकरण पर्याप्त है लेकिन मैनपावर का काफी कमी है। जिसको पूरा करने के लिए पीपीपी मोड पर हिंद लैब से करार किया गया है। एजेंसी द्वारा मरीजों की जांच की जा रही है। एजेंसी की ओर से तीन और रेडियोलॉजिस्ट तैनात किए जाएंगे। वहीं, मरीजों की सुविधा के लिए एम्स में डायलिसिय यूनिट भी चालू हो जाएगा। इसके चालू होने से मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि अभी एम्स के पास एक अल्ट्रासाउंड मशीन है। इसकी वजह से जांच कम होती हैं। दूसरी मशीन एम्स में आने से मरीजों को जांच के लिए वेटिंग के लिए इंतजार नहीं करना होगा। साथ ही अल्ट्रासाउंड की सर्विस दो शिफ्ट में चलने से प्रॉब्लम दूर होगी।
मोबाइल यूनिट के जरिए मरीजों की होगी जांच
एम्स के मरीजों को मोबाइल यूनिट के तहत जरूरत के हिसाब से जांच की जाएगी। यह फैसलिटी 90 दिन की होगी। खाली समय में इस यूनिट का इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे की मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े और उनकी जांच आसानी से हो सके।