- गोरखपुर, लखनऊ और छपरा में लागू होगी व्यवस्था, जीएम ने शेयर की प्लानिंग

- शिकायतों के निपटारे में टॉप पर बना हुआ है एनई रेलवे, 2019 से नहीं हुआ एक्सीडेंट

- 2022 तक 95 फीसद रेल लाइनों का हो जाएगा इलेक्ट्रिफिकेशन, 96 फीसद हुआ समय पालन

GORAKHPUR: डिजिटल एरा और डिजिटाइज होती लाइफ स्टाइल के बीच एनई रेलवे ने भी सिस्टम को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपग्रेड करना शुरू कर दिया है। अपने सभी अस्पतालों में जहां हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) लागू करने वाला पहला एनई रेलवे जहां पहला जोन बन गया है। वहीं दफ्तरों में ई-आफिस और ई-डॉस के अलावा ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, ट्रैक मैनेजमेंट, ब्रिज मैनेजमेंट, सीओआईएस, एफओआईएस, पैसेंजर इंफार्मेशन, कांट्रैक्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू हो गए हैं। गवर्नमेंट ई-मार्केट पर सामानों की खरीदारी शुरू हो गई है। अगस्त में जहां टिकट चे¨कग स्टाफ को पीओएस मशीन दे दी जाएंगी। अगले माह से गोरखपुर, लखनऊ और छपरा जंक्शन पर पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम भी एक्टिव हो जाएगा। यह जानकारी एनई रेलवे के जीएम विनय कुमार त्रिपाठी ने दी। वह प्रेस से रूबरू होकर गुरुवार को एनई रेलवे की उपलब्धियों को शेयर कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पैसेंजर्स की शिकायतों का निपटारा करने में भी यह रेलवे टॉप पर है।

2023 तक पूरा होगा गाजीपुर-छपरा मार्ग का दोहरीकरण

भटनी-औंडि़हार मार्ग पर डबलिंग का वर्क शुरू हो गया है। 2023 तक गाजीपुर-छपरा रेलमार्ग का काम पूरा कर लिया जाएगा। बांसडीह और बलिया के बीच संवेदनशील तीन किमी रेलमार्ग पर भी ट्रेनों का संचालन सही हो गया है। पूरे ट्रैक को बदल दिया गया है। अब ट्रैक बारिश में क्षतिग्रस्त नहीं होगा। इस मार्ग पर 45 की जगह 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलने लगी हैं।

भटनी में तैयार हो रही नई बाईपास लाइन, नहीं बदलेगा इंजन

भटनी जंक्शन पर छपरा से वाराणसी रूट पर चलने वाली ट्रेनों का इंजन नहीं बदलना पड़ेगा। भटनी से पीवकोल के बीच सात किमी लंबी बाईपास रेल लाइन तैयार हो रही है। यह रेल लाइन दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। इसके बन जाने से ट्रेनों का संचालन आसान हो जाएगा। समय की भी बचत होगी।

हाईलाइट्स -

-2020-21 में 561.36 किमी रेल लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन कर एनई रेलवे दूसरी पोजीशन पर रहा।

- 2022 तक 95 फीसद रेल लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा कर लिया जाएगा।

- 2023 तक सभी लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन करने का टारगेट है।

- 2019 से कोई भी परिणामी दुर्घटना नहीं हुई है।

- ट्रेनों को 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने के लायक ट्रैक बनाए जा रहे हैं।

- छतों पर 4.72 एमडब्लूबीपी कैपासिटी के सोलर एनर्जी पैनल लगाए गए हैं।

- इसके जरिए एनई रेलवे ने 51 लाख रुपए की बचत हुई है।

- 287 किमी रेल लाइन पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर समय पालन दुरुस्त किया गया है।

- गोरखपुर सहित 295 स्टेशनों पर निश्शुल्क वाईफाई फैसिलिटी उपलब्ध कराई गई है।

- 47851 में से 47112 कर्मचारियों को कोविड टीके की पहली डोज लग चुकी है।

- 136 में से 126 जोड़ी एक्सप्रेस तथा 69 में से 42 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं।

- इलेक्ट्रिक इंजन पर हेड आन जेनरेशन सिस्टम लगाकर 20 करोड़ की बचत हुई है।

- तीसरी लहर को देखते हुए रेलवे हॉस्पिटल में 16 बेडड पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार किया गया है।

- मास्क न पहनने वाले 206 पैसेंजर्स पर जुर्माना लगाया गया है।

- एनई रेलवे के 9 प्रमुख स्टेशनों पर ई-कैटरिंग की फैसिलिटी अवेलबल है।