गोरखपुर (ब्यूरो)। एडीजी जोन ने पीएनओ के खेल को लेकर सामने आ रही शिकायतों की जांच कराई थी। हालांकि यह गड़बड़ी यूपी के 73 जिलों में होने का अंदेशा है। एडीजी ने

अपने जोन के 11 जिलों के एसपी को फिलहाल आदेश जारी किया है।

दरोगा भर्ती का मामला, जारी हुआ था पीएनओ

वर्ष 2015, 2016, 2017 के भर्ती एसआई की ट्रेनिंग के बाद गोरखपुर जिले में ज्वाइन करने के बाद उन्होंने जिस साल में ज्वाइन किया था। वही उनका बैच मानते हुए उसी पर

पीएनओ नम्बर जारी किया गया था। जबकि अन्य कई जिलों में ट्रेनिंग के वर्ष को बैच मानते हुए उसी आधार पर पीएनओ जारी किया। इस मामले में विवाद तब गहराया जब अन्य

जिले के उसी बैच के दरोगा ट्रांसफर पर गोरखपुर आए। पता चला कि जिनके साथ उन्होंने ट्रेनिंग की थी उनसे वह एक से लेकर दो साल तक सीनियर हो गए हैं। जूनियर बने

दरोगाओं ने इसकी शिकायत तत्कालीन एसएसपी डॉ। सुनील गुप्ता से की लेकिन कोई रिजल्ट नहीं आया।

डीजीपी हेडक्वार्टर भेजा गया पत्र

बाद में यह मामला एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु के समय भी उठा। इस बार इसको लेकर लेटर भी जारी हुए। एडीजी जोन अखिल कुमार ने भी इस पर जांच के आदेश दिए। डीजीपी

हेडक्वार्टर को पत्र लिखकर पीएनओ के निर्धारण के बारे में जानकारी मांगी। पत्र के जवाब यह तय हुआ कि गोरखपुर जिले ने जो पीएनओ जारी किया था वह सही है जबकि अन्य

जिलों के बारे में एडीजी ने सुधार करने की बात सामने आई।

जिले में आमद से तय होगा भर्ती वर्ष

हेडक्वार्टर से बताया गया कि पुलिसकर्मी के पीएनओ का निर्धारण भर्ती वर्ष की तिथि से होता है। वहीं किसी पुलिसकर्मी की भर्ती वर्ष की तिथि का तात्पर्य सक्षम नियुक्ति प्राधिकारी

द्वारा उसका नियुक्ति आदेश निर्गत होने के उपरांत नियुक्ति स्थल पर आगमन की तिथि से है।

पीएनओ का निर्धारण गोरखपुर जिले में सही से हुआ है लेकिन इसके अलावा किसी जिले में मुख्यालय के नियमों से अलग आवंटन किया है तो उसका सुधार कर लें। इस संबंध में

15 दिन के भीतर सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी गई है।

अखिल कुमार, एडीजी जोन