गोरखपुर (ब्यूरो)।इससे फेफड़ा दब रहा था और अल्प विकसित था। डायाग्राफ की मांसपेशियां पीछे की तरफ थीं ही नहीं। इस वजह से ऑपरेशन बहुत जटिल था, लेकिन डॉक्टर्स ने हिम्मत नहीं हारी। डायाफ्राम की झिल्ली के छेद को छाती की मासपेशियों से जोड़कर ऑपरेशन कर दिया। अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। उसके डिस्चार्ज कर दिया गया है।
आठ दिन का था बच्चा
सिद्धार्थनगर की पुनीता ने एक मार्च को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। उस समय बच्चा आठ दिन का था। उसका जन्म सिद्धार्थनगर के अस्पताल में हुआ था। जन्म के बाद से ही उसकी सांस फूल रही थी और दूध भी नहीं पी रहा था। जिला अस्पताल के डॉक्टर्स बीआरडी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज में सभी जरूरी जांच के बाद परिजन की अनुमति लेकर पीड्रियाट्रिक सर्जन डॉ। रेनू कुशवाहा ने ऑपरेशन किया। इसमें बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। अभिषेक व बेहोशी के डॉ। सुनील आर्या व डॉ। शहबाज ने सहयोग किया।