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GORAKHPUR: GORAKHPUR: लॉकडाउन कामगारों के घर वापसी के साथ घरेलु विवाद के मामले भी बढ़ने लगे हैं। इसके चलते घर में अपने हिस्से को लेकर होने वाले विवाद दोगुना हो गया है। अफसरों के अलावा डेली थानों पर भी परिवारिक विवाद के मामले पहुंच रहे हैं। ऐसे ही विवाद से जुडे़ गुलरिहा एरिया के झुंगिया निवासी विनोद ने आरोप लगाया कि जब तक घर वालों को पैसे मिलते रहे तब तक सबकुछ ठीक था। अब काम बंद होने के बाद अपने ही बेगाने हो चुके हैं।

वहीं, कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में कुछ लोग भूखे-प्यासे कामगारों को खाना खिला रहे हैं। वहीं कुछ लोग संपत्ति्त के विवाद में अपने रिश्तों को तार-तार कर दे रहे हैं। वापस लौट रहे मजदूरों को घर वाले खुद से दूर कर गांव में रूम दिला रहे हैं। यह कोई एक मामला नहीं है। ऐसे कई मामले हैं जिसमें बटवारे का विवाद चरम पर है। महराजगंज धानी निवासी चंद्रेश लुधियाना में कारपेंटर का काम करते थे। एक सप्ताह पहले घर पहुंचे हैं। उसके बाद उनका भाइयों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि मामला संपत्ति्त के बंटवारे तक आ गया। गांव के कुछ लोगों ने भाईयों को समझाने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। चंद्रेश का कहना है कि जब तक कमाकर देता था। सब ठीक ठाक था। अब भाईयों को लग रहा है कि काम छूट गया है तो हमें अलग करना चाहते हैं।

डेली चार से पांच कंप्लेन

संपत्ति्त विवाद के मामले संबंधित अफसरों के अलावा विभिन्न थानों पर भी पहुंच रहा है। डेली चार से पांच कंप्लेन आते रहते हैं। हालांकि कई मामले में तो पुलिस उन्हें समझाकर भेज दे रही है। मिली जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन में बीते क्8 दिनों में दोगुने मामलें थाने पहुंच हैं।

क्8 दिनों में लौटे कामगार

विभिन्न राज्यों से स्पेशल ट्रेन के जरिए क्8 दिन के अंदर करीब म्भ् से 70 हजार से अधिक कामगार वापस आ चुके हैं। जबकि डेली करीब पांच से छह हजार कामगार लौट रहे हैं।