गोरखपुर (ब्यूरो)। तमाम उलझनों को लेकर परीक्षार्थी भी परेशान रहते हैैं, न सिर्फ परीक्षार्थी परेशान रहते हैैं बल्कि उनके पेरेंट्स भी टेंशन में होते हैैं। पर उन्हें समझना चाहिए कि अभी तक जितनी परीक्षाएं बच्चे ने दी हैं, बोर्ड परीक्षाएं भी कुछ वैसी ही होती हैं। इसलिए बोर्ड परीक्षा से खौफ खाने की जरूरत नहीं है। डीजे आईनेक्स्ट मनोवैज्ञानिक और सब्जेक्ट एक्सपर्ट के थ्रू आपको बोर्ड परीक्षाओं को लेकर स्टूडेंट्स द्वारा पूछे गए सवालों के जवाबों के साथ, एग्जामिनेशन से संबंधित कुछ सुझाव भी दे रहा है।

क्लास/2 का फॉर्मूला अपनाएं

साइकोलॉजिस्ट प्रो। अनुभूति दुबे बताती हैैं कि बोर्ड एग्जाम का फोबिया यानी डर मन में न बैठाएं। बल्कि शानदार तैयारी के लिए क्लास बटे दो (क्लास/2) का फॉर्मूला अपनाकर पढ़ाई करें। इस फॉर्मूले के मुताबिक अपनी क्लास को दो से भाग करें। यानी क्लास 10वीं के स्टूडेंट्स को पांच घंटे और क्लास 12वीं के स्टूडेंट्स को छह घंटे पढऩे चाहिए। वे बताती हैैं कि किस समय पढ़ें ये मायने नहीं रखता, बल्कि कितना ध्यान से पढ़ें यह जरूरी है। डीडीयूजीयू की साइक्लोजिस्ट एसक्पर्ट प्रो। अनुभूति दुबे व प्रो। सुषमा दुबे ने स्टूडेंट्स के प्रश्नों के उत्तर भी दिए हैं।

एक्सपर्ट के सुझाव, इन बातों का रखें ख्याल

- परीक्षा शुरू होने के पहले परीक्षा हॉल में घबराने की जगह पांच से दस मिनट ध्यान कर सकते हैं।

- मैथ के क्वेश्चन के जवाब फॉर्मूले से ही आते हैं। इसलिए जल्दबाजी न करें और सही फार्मूले का यूज करें।

- किसी सवाल पर अटक रहे हैं तो उसे छोड़ दें और अन्य क्वेश्चन के उत्तर लिखें।

- कोई सवाल ऐसा लग रहा है, जिसके उत्तर में आप भ्रमित हो गए हैं तो उसको आंसर शीट के बजाय उपलब्ध कराई गई रफ कॉपी पर करके देखें।

- बेहद सावधानी के साथ जवाब लिखें, ताकि आप की मेहनत के अनुसार नंबर मिले ।

- सारे जवाब लिखने के बाद यदि कुछ समय बचे तो एक बार जवाबों को दोबारा देख लें।

- स्टडी के दौरान अपने कमरे में फॉर्मूले से संबंधित विभिन्न चार्ट पेपर लगा लें।

- इधर उधर की बातों या नकारात्मक विचारों में नहीं बल्कि पूरा ध्यान अपने रिवीजन पर रखें।

स्टूडेंट्स के सवाल के एक्सपट्र्स ने दिए जवाब

आर्यन साहनी, कक्षा 12, एलएसए: 10वीं बोर्ड परीक्षा को अच्छे अंक से पास करने के बाद भी 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए मन में थोड़ा डर और घबराहट है। इस घबराहट को कैसे कम करें?

प्रो। अनुभूति दुबे: खुद की तैयारियों पर भरोसा रखे और सारे सब्जेक्ट्स को अच्छे से रिवीजन करें। जो भी डाउट्स हों, उसे सब्जेक्ट टीचर्स से संपर्क कर शार्ट आउट करें।

सिद्धि मिश्रा, कक्षा 10, एलएसए: बोर्ड परीक्षा के दिन अनुभव होने वाले माइंड प्रेशर और पैनिक अटैक को कम कैसे करें?

प्रो। अनुभूति दुबे: बोर्ड परीक्षा को लेकर दिमाग में प्रेशर बिल्डप न होने दें, और ना ही पैनिक हों। जो आपने तैयारी की है। उसे रिवीजन करें। मन में अच्छे विचार लाएं और अपने प्रिपरेशन पर भरोसा रखें।

रक्षिता श्रीवास्तव, कक्षा 10 स्प्रिंगर लोरेटो: क्या पूर्व वर्षीय प्रश्नपत्र हल करना पर्याप्त है?

प्रो। अनुभूति दुबे: मॉडल टेस्ट पेपर जरूर देखना चाहिए। उससे यह पता चलता है कि किस टाइप के क्वेश्चन आते हैैं, लेकिन अपने सिलेबस को कंप्लीट करना भी बेहद जरूरी है।

आश्रम हसन, कक्षा 10 स्प्रिंगर लोरेटो: परीक्षा में आत्मविश्वास कैसे लाएं। प्रश्नों के लिए पर्याप्त श्रोत क्या-क्या हो सकते हैैं?

प्रो। अनुभूति दुबे: परीक्षा में आत्मविश्वास खुद डेवलप करना होगा। इसलिए सकारात्मक रहिए। नए चैप्टर को न टच करें। जो पढ़ाया जा चुका है। उसे ही रिवीजन करें। प्री-बोर्ड एग्जामिनेशन में आप अपने माक्र्स देखकर अपना आत्मविश्वास बढा सकते हैैं।

अदिति शुक्ला, कक्षा 12 स्प्रिंगर लोरेटो: परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर को परीक्षक के अनुसार कैसे लिखें ? क्या सामाजिक विज्ञान के लिए एनसीआरटी पर्याप्त है?

दिव्या अक्षय बंसल, सोशल साइंस टीचर: प्रश्नों के उत्तर परीक्षक के अनुसार नहीं बल्कि प्रश्न के उत्तर के हिसाब से होना चाहिए। इसलिए जो प्रश्न पूछे गए हैैं, उसका सही-सही जवाब लिखा जाना चाहिए। सामाजिक विज्ञान के लिए एनसीईआरटी पर्याप्त है।

अदिति सिंह, कक्षा 12 स्प्रिंगर लोरेटो: परीक्षा में दी गई छुट्टिïयों का सदुपयोग कैसे करें ?

प्रो। अनुभूति दुबे: परीक्षा में जो छुट्टिïयां पड़ती हैैं। उसका सदुपयोग अगले तारीख में पडऩे वाले परीक्षा पर किया जाना चाहिए। जो भी छुट्टिïयों के दिन मिलते हैैं। अगले सब्जेक्ट के परीक्षा के लिए उसके रिवीजन की जरूरत है।

गरिमा सिंह, कक्षा 10, जीपीएस: हमें बोर्ड परीक्षा के लिए अपने पाठ्यक्रम को कैसे संशोधित करना चाहिए?

प्रो। सुषमा पांडेय: बोर्ड परीक्षा के करीब एक महीने पहले ही अपने पाठ्यक्रम को सेपरेट करते हुए उसकी प्रिपरेशन करना चाहिए। उस पार्ट को पूरी तरह से पढ़ाई करें, ताकि सिलेबस के बीच से पूछे जाने वाले सवाल का सही-सही जवाब दिया जा सके। प्वाइंट वाइज देने पर अच्छे माक्र्स प्राप्त होते हैैं।

आकृति ओझा, कक्षा 12, जीपीएस: परीक्षा से पूर्व आखिरी कुछ दिनों में मुझे अपना स्वभाव कैसे बनाए रखना चाहिए?

प्रो। सुषमा पांडेय: परीक्षा के दौरान शुरू से अंत तक अपने सारे सब्जेक्ट को लेकर पूरा फोकस रखें, क्योंकि सभी सब्जेक्ट महत्वपूर्ण होते हैैं। स्वभाव एकदम नरम रखते हुए पढ़ाई पर पूरा ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भरपूर नींद लें और तनाव मुक्त रहते हुए रिवीजन पर ध्यान दें। कहीं कोई दिक्कत आए तो सब्जेक्ट टीचर से संपर्क करें।

अन्नू गुप्ता, कक्षा 10 रैंपस: परीक्षा अवधि में समय का प्रबंधन कैसे करें?

प्रो। सुषमा पांडेय - बोर्ड एग्जामिनेशन के दौरान टाइम मैनेजमेंट का रोल बेहद इंपार्टेंट होता है। इसलिए अपने सिक्वेंस वाइज क्वेश्चन पेपर को साल्व करें और टाइम को जरुर देखें। ताकि सभी क्वेश्चन को अटेंप्ट किया जा सके। क्वेश्चन बिल्कुल भी न छोड़ें।

अंतरिक्ष पति त्रिपाठी, कक्ष 10 रैंपस: प्रश्न के उत्तर को काटना और अधिक लिखना छात्रों के लिए हानिकारक हो सकता है?

प्रो। सुषमा पांडेय - जो भी सवाल पूछे गए हैैं। उसका सही-सही जवाब दिया जाना चाहिए। प्वाइंट वाइज जवाब देने से अच्छे माक्र्स मिलते हैैं। अधिक लिखने का कोई फायदा नहीं।

गोरखपुर में बोर्ड एग्जाम स्टूडेंट

1.39 लाख यूपी बोर्ड

16 हजार सीबीएसई बोर्ड

8 हजार सीआईएससीई बोर्ड