गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर में जिले में 65 वें कप्तान के रूप में डॉ। गौरव ग्रोवर कार्य भार संभालेंगे। वहीं 2009 से 2012 तक यहां पर एसएसपी नहीं डीआईजी का पद हुआ करता था। इस तरह डॉ। गौरव 21 वें कप्तान होंगे।

पहले डॉक्टर फिर बने आईपीएस

पंजाब लुधियाना के रहने वाले डॉ। गौरव ग्रोवर 21 फरवरी 2020 को मथुरा का एसएसपी बनाया गया। इस तरह वे करीब ढाई साल तक मथुरा रहे। इस दौरान दो साल का कोरोना काल भी रहा। डॉ। गौरव ग्रोवर 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। आईपीएस बनने से पहले वह पंजाब में एमबीबीएस डॉक्टर थे।

तीसरी बार बने कप्तान

साल 2013 बैच के आईपीएस एसपी बहराइच, एसएसपी मथुरा रहने के बाद अब गोरखपुर के कप्तान बनाए गए है। इस तरह उन्हें तीसरी बार जिले की कप्तानी का दायित्व मिला है।

प्रेग्नेंट महिला के लिए बनवाया था ग्रीन कारिडोर

कोरोना काल में लॉकडाउन के दुबई से एक युवक ने डॉ। गौरव ग्रोवर से गुहार लगाई थी। युवक की प्रेग्नेंट पत्नी प्रसव के दर्द से कहरा रही थी, उसके साथ केवल बुजुर्ग ससुर थे। दुबई में काम करने वाले युवक की गुहार पर डॉ। गौरव ने तुरंत अम्ल किया। उन्होंने प्रेग्नेंट लेडी के घर से अस्पताल तक ग्रीन कारिडोर बनवा दिया। हर कदम पर पुलिस मददगार बनी। इसके बाद युवती ने एक बेटे को जन्म दिया। पुलिस का मानवीय संवेदना का यह रूप देख हर किसी ने खूब तारिफ की। इस मामले में डॉ। गौरव ग्रोवर खूब सुर्खियों में आए। मानवीय के साथ वो अपराधियों के लिए सख्त कदम उठाते हैं। जिस समय डॉ। गौरव को मथुरा भेजा गया था, तब वहां पर कई बड़े मामलों को लेकर पुलिस प्रणाली पर सवाल उठे थे। उसे सुधारने के लिए डॉ। गौरव को मथुरा का कप्तान बनाया गया था।

एक साल नहीं पूरा कर सके डॉ। विपिन ताडा

डॉ। विपिन ताडा को 8 अगस्त 2021 में गोरखपुर का कप्तान बनाया गया। इसके बाद उनका 2 जुलाई 2022 को सहारनपुर तबादला कर दिया गया। इस तरह डॉ। विपिन ताडा गोरखपुर में एक साल का कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाए।

डॉ। विपिन ताडा ने छोड़ी अच्छी छाप

गोरखपुर के कप्तान के रूप में कार्य करते हुए डॉ। विपिन ताडा जनता से जुड़े रहते थे। वे डेली ऑफिस में जनता से मिलते और उनकी फरियाद सुनकर उसका निस्तारण करते थे। यही नहीं कई फरियादियों को तो वो सरकारी गाड़ी से घर तक भी छुड़वाते थे। जब सीएम और एसएसपी के पास फरियादियों की भीड़ बढ़ी तो थाने का सुधारने के लिए उन्होंने अनोखी पहल की। डॉ। विपिन ताडा ने जनता के सामने ही पुलिस की पेशी करवा दी। उसमे जज के रूप में बैठकर पुलिस और जनता दोनों की बातेें सुनी। जिस थाने के पुलिसकर्मी की गलती उसपर ऑन द स्पॉट कार्रवाई भी की। ये ऐसे कार्य हैं जिनके लिए डॉ। विपिन ताडा को हमेशा याद किया जाएगा.

मनीष हत्याकांड में हुई थी फजीहत

बतौर कप्तान डॉ। विपिन ताडा ने जब कार्यभार संभाला उसके एक महीने बाद ही गोरखपुर के होटल में एक कानपुर के व्यापारी की हत्या हो गई। व्यापारी की हत्या का आरोप पुलिसकर्मियों पर लगा। इस मामले में देश भर से लोगों की पुलिस के प्रति तीखी प्रतिक्रिया आई। ये मामला डॉ। विपिन ताडा के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आया था। इसमे पुलिस विभाग की बहुत फजीहत हुई थी।