गोरखपुर (ब्यूरो)। 15 रोज पहले नौसढ़ और रेलवे स्टेशन के पास एक वाहन ने ई-बस टकराने से बस क्षतिग्रस्त हो गई। गोरखपुर सिटी ट्रांस्पोर्ट सर्विसेज लि। की ओर से जब इसकी जांच कराई गई तो तीन ड्राइवर दोषी मिले। लापरवाही बरतने वाले ड्राइवर्स को तत्काल टर्मिनेट कर दिया है। शहर में 15 ई बसों को चलाने के लिए 35 ड्राइवर्स की तैनाती की गई थी। 29 दिसंबर को नगर निगम नवीन सदन भवन से सीएम ने बसों को हरी झंडी दिखाई थी। 30 दिसंबर से शहर के तीन रूटों पर बसों का संचालन शुरू किया गया। महेसरा बस डिपो से प्रतिदिन सुबह 5.30 बजे से देर रात 10 बजे तक बसों का संचालन होता है।

15 दिन बाद शुरू हो जाएगा कंट्रोल रूम

इलेक्ट्रिक बस के इंतजार में खड़े पैसेंजर्स को 15 दिन बाद काफी सहूलियत मिल जाएगी। महेसरा इलेक्ट्रिक चार्जिंग बस स्टेशन परिसर में कंट्रोल रूम तैयार किया जा रहा है। कंट्रोल रूम बन जाने से यात्री फोन कर जान सकेंगे कि उनके स्टाप पर इलेक्ट्रिक बस कितनी देर में पहुंचेगी। इलेक्ट्रिक बस पहुंचने में देर की स्थिति में यात्री दूसरे साधनों से भी अपने गंतव्य रवाना हो सकेंगे। इसके लिए नगर निगम इलेक्ट्रिक बसों को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के कंट्रोल रूम से जोडऩे जा रहा है। कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन कर संबंधित रूट की इलेक्ट्रिक बस के बारे में जानकारी ली जा सकेगी।

जीपीएस से भी रखेंगे नजर

इलेक्ट्रिक बसों जीपीएस सिस्टम से पूरी तरह से लैस है। एलईडी स्क्रीन पर उनके लोकेशन पर नजर रहेगी। महेसरा बस डिपो में एलईडी स्क्रीन लगाए जाने की तैयारी चल रहा है। हालांकि कंट्रोल रूम के लिए सभी उपकरण आने शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते से कंट्रोल रूम में उपकरण लगाने का काम शुरू हो जाएगा। इलेक्ट्रिक बस के ज्यादा देर एक ही जगह खड़े होने या रूट के अलावा कहीं और जाने पर चालक को फोन पर कारण पूछा जाएगा। साथ ही रूटों पर चलने वाले बसों की स्क्रीन के माध्यम से निगरानी भी हो सकेगी।

चालकों का हुआ मेडिकल टेस्ट

इलेक्ट्रिक बस के चालकों की टेस्ट ट्रेनिंग महेसरा बस डिपो में शुरू की गई है। सोमवार को एजेंसी की ओर से 5-5 चालकों का ग्रुप बनाकर निजी हॉस्पिटल में मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है। कानपुर में हुए हादसे के दौरान छह लोगों की मौत और गोरखपुर में हुए एक्सीडेंट के बाद गोरखपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि। सतर्कता बरत रही है।

हादसे के बाद से ही सतर्कता बरती जा रही है। कुछ जगहों पर छुटपुट हादसे में लापरवाही पाए जाने पर तीन ड्राइवर्स को टर्मिनेट कर दिया गया है। साथ ही अन्य ड्राइवर्स की टेस्ट ट्रेनिंग चल रही है। पांच ड्राइवर्स का मेडिकल टेस्ट कराया गया है।

- केके मिश्रा, डिपो इंचार्ज