गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके साथ ही उन्हें वाहन के नंबर प्लेट के बगल में कान का सांकेतिक चिन्ह भी बनवाना होगा, ताकि सामने और पीछे के लोग यह समझ सकें कि उस व्यक्ति को सुनने में प्रॉब्लम है।

आने लगे आवेदन

मिली जानकारी के अनुसार आरटीओ में इस व्यवस्था के लागू होने के बाद कान से दिव्यांग लोगों की संख्या भी बढ़ गई है। हर दिन एक या दो ऐसे लोगों के आवेदन मिल रहे हैं जो कान से दिव्यांग हैं और उन्हें बिल्कुल भी सुनाई नहीं देता है। लाइसेंस के लिए कान से दिव्यांग व्यक्ति को उसी तरह से सभी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा, जिस प्रक्रिया से सामान्य व्यक्ति गुजरता है। ऑनलाइन और ड्राइविंग टेस्ट पास होने के बाद उन्हें लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा।

कान से दिव्यांगों को सिर्फ एलएमवी लाइसेंस ही दिए जाएंगे। हैवी वाहन के लाइसेंस के वह पात्र नहीं होंगे।

- राघव कुशवाहा, आरआई आरटीओ