- एकला और बसंतपुर में बने पड़ाव केंद्र पर कूड़ा गिराने का हुआ विरोध

-संक्रमण का खतरा, कूड़ा कर रहा जीना दुश्वार

-नगर निगम ने दोपहर बाद बाघागाड़ा पुल के पास कूड़ा गिराने का कार्य किया शुरू

GORAKHPUR: वेस्ट मैनेजमेंट के हाईटेक तरीके अपनाने के दावे करने वाला नगर निगम शहर के 50 हजार लोगों को संक्रमण के खतरे की ओर ढकेलने से बाज नहीं आ रहा है। बसंतपुर हाबर्ट बंधा और एकला बंधे पर गिरे कूड़े के ढेर और उससे उठ रही बदबू की वजह से इलाके के लोग प्रभावित हो रहे हैं। पिछले एक हफ्ते से इलाके के लोग कूड़ा न गिराने का विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर कुछ रोज पहले बसंतपुर के लोग विरोध प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे नगर निगम के अधिकारियों ने लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुए। कई कूड़ा लदी गाडि़यों को वापस कर दिया गया। उधर गुरुवार की सुबह एकला बंधे पर कूड़ा गिराने की बात सुन कर इलाके के लोग एकत्र हो गए। हालांकि इस दौरान वहां कूड़ा नहीं गिराया जा सका। नगर निगम अपने कूड़ा गाडि़यों को बाघागाड़ा के पास किसी तरह से गिरवाया।

पब्लिक ने नहीं गिराने दिया कूड़ा

एकला और बसंतपुर बंधे पर कूड़ा गिराने के लिए शहर की कई गाडि़यां पहुंची जिन्हें लोगों ने रोक दिया। गाडि़यां वापस लौट आई। बीते कुछ दिनों से नगर निगम बसंतपुर बंधे के किनारे कूड़ा गिरा रहा था। दो रोज पहले लोगों ने इसका विरोध किया। गुरुवार को जब इसकी खबर मिली कि दोबारा कूड़ा गिराया जाएगा तो इलाके के लोग सक्रिय हो गए। समय से कूड़ा न उठने की वजह से कूड़ा पड़ाव पर कूड़ा डंप रहा। इसकी जानकारी मिलने के बाद नगर निगम ने दोपहर बाद कूड़ा उठवाने का निर्णय लिया। इसके बाद सभी गाडि़यों को बाघागाड़ा स्थित पिपरा बंधे के पास कूड़ा गिरवाया गया।

बदबू ने किया जीना दुश्वार

कूड़े की वजह से एकला बंधा और बसंतपुर बंधे के आसपास लोग संक्रामक बीमारियों की जद में हैं। वहीं कूड़े से उठ रही तेज बदबू की वजह से घरों में रहना मुश्किल हो गया है। रात में कूड़ा जलाने की वजह से प्रदूषण का खतरा भी मंडरा रहा है। इससे क्षेत्र के लोगों की मुसीबत बढ़ जाती है।

जगह मिली कूड़ा निस्तारण काम अधूरा

14 साल बीत जाने के बाद भी प्रतिदिन शहर के निकलने वाले 350 मीट्रिक टन कूड़े के निस्तरण के लिए नगर निगम जगह की तलाश कर चुका है लेकिन अभी तक कार्य नहीं पूरा हो सका है। इसी का नतीजा है कि कूड़े को जहां तहां गिराया जा रहा है। बसंतपुर के रहने वाले रविंद्र सोनकर ने बताया कि नगर निगम की तरफ से शहर भर के गंदे कूड़े को यहां लगातार गिराया जा रहा था। इससे आसपास के रहने वाले परिवारों के बच्चें बीमार हो चुके हैं। कंप्लेन की गई लेकिन फिर भी कूड़ा गिराया जा रहा था। जिसका विरोध किया गया।

स्टैटिस्टिक -

शहर से डेली निकलता कूड़ा - 350 मीट्रिक टन

कूड़ा पड़ाव केंद्र - 23

कूड़ा उठाने वाली ट्रैक्टर-ट्रॉली - 41

जेसीबी - 7

लोडर - 5

मैजिक - 137

ट्रक - 12

डंफर - 7

छोटा डंफर - 1

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किसी भी कीमत पर यहां कूड़ा नहीं गिरने दिया जाएगा। क्योंकि कूड़ा गिरने की वजह से संक्रमण का खतरा बराबर बना रह रहा है। इलाके के लोग इस पर नजर बनाए हुए हैं।

- विजेंद्र अग्रहरि, पूर्व पार्षद