GORAKHPUR: बुधवार रात चांद का दीदार होते ही अलसुबह ईद की नमाज के लिए लोग तैयार होने लगे। बच्चों को मां बाप ने खूब सजाया संवारा। बेहतरीन लिबास पहनाए। बच्चों की खुशी का तो कोई ठिकाना नहीं रहा। बच्चों के साथ-साथ बड़ों ने भी नए कपडे़ पहने। इत्र लगाया। सिर पर टोपी सजाई। साथ में नन्हें मुन्नों को लिया और चल पड़े ईदगाह। रंग-बिरंगी, सफेद पोशाकों से हर जगह एक नूरानी शमां नजर आ रहा था। माहौल पुरकश व दिलकश। जहां जगह मिली जानमाज बिछाई।

ईद की नमाज का इंतजार शुरू। ईद की नमाज के वक्त तक ईदगाह व आसपास की सड़कों पर नमाजियों की कतारें लग गईं। ईदगाह के इमामों की तकरीरें ध्यान लगा कर सुनी। मुकर्रर वक्त पर नमाज अदा की। ईदैन का खुत्बा सुना। मुल्कों मिल्लतए भाईचारगी, एकता की दुआएं मांगी। फिर शुरू हुईं ईद मुबारक ईद मुबारक की सदाएं। हर सिम्त यह सदायें गूंजने लगी। छोटे से लेकर बड़ों ने लोगों को एक दूसरे को बधाईयां देनी शुरू की। गले मिले हाथ मिलाया बोले ईद मुबारक। यह नजारा रहा ईदुल फिब के दिन शहर की ईदगाहों व जामा मस्जिदों पर। गुरुवार को शहर में मौजूद ईदगाहों व जामा मस्जिदों में ईदुलफिब की नमाज अदा की गई। शुक्र खुदा अदा किया। दुआएं की। ईदगाह मुबारक खां शहीद के इमाम व खतीब हजरत मौलाना फैजुल्लाह कादरी ने अपनी तकरीर ने कहा कि अल्लाह के हक के साथ बंदों के हक को भी अदा करना जरूरी है। उन्होंने अहकामे शरीयत पर रोशनी डाली।