-जुलूस-ए-मोहम्मदी में इस्लामी झंडे व बैनर देंगे दीन-इस्लाम का पैगाम

GORAKHPUR: ईद मिलादुन्नबी का जश्न सिटी में धूम-धाम के साथ मनाया जाएगा। इसके लिए मस्जिदों-मदरसों के साथ ही नौजवानों ने भी तैयारियां कर ली हैं। माह रबीउल अव्वल की 12 तारीख पैगंबर मोहम्मद साहब की यौमे पैदाइश के मौके पर ईद मिलादुन्नबी का जश्न मनाया जाता है। गुरुवार देर रात से जश्न का दौर शुरू हो गया। 30 अक्टूबर को सारे शहर में इसे अकीदत के साथ मनाया जाएगा। ईद मिलादुन्नबी व जुलूस-ए-मोहम्मदी की तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं। जुलूस में इस्लामी परचम व बैनर के जरिए दीन-ए-इस्लाम का पैगाम आम करने की तैयारियां की गई हैं। इसमें पैगंबर मोहम्मद साहब की जिंदगी, कुरआन और हदीस से जुड़ी अहम बातें बैनर व तख्तियों के जरिए बताए जाएंगे। मस्जिदों के मॉडल भी आकर्षण का केंद्र होंगे। जुमे की तकरीरों में उलेमा-ए-किराम पैगंबर की रिसालत, अजमत, बड़ाई व फजीलत बयान कर लोगों से सच्चाई, ईमानदारी तथा शरीयत के मुताबिक जिंदगी गुजारने का तरीका बताएंगे।

कई मोहल्लों से निकलेगा जुलूसे मोहम्मदी

शहर की तमाम मस्जिदों पर शुक्रवार अलसुबह परचम कुशाई की जाएगी। इसके बाद शहर में जुलूसों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। वारिस कमेटी मियां बाजार, फैजान-ए-रजा नौजवान कमेटी अहमदनगर चक्शा हुसैन, मिर्जापुर चाफा, गाजी रौजा, रसूलपुर, तुर्कमानपुर, रहमतनगर, खूनीपुर, गोरखनाथ, दीवान बाजार, जाफरा बाजार, इलाहीबाग, निजामपुर, जाहिदाबाद, चिलमापुर आदि सहित तमाम क्षेत्रों से जुलूस निकाला जाएगा। सुबह से शुरु होकर जुलूसों का सिलसिला देर रात तक जारी रहेगा। नखास जुलूसों का केंद्र रहेगा। हर मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में मिलादुन्नबी की महफिलें व जलसे होंगे। गुरुवार शाम से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के घरों, मस्जिदों में मिलादुन्नबी की महफिल, जलसा, कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी व नात ख्वानी का दौर शुरू हो गया। मस्जिदों, दरगाहों, घरों व मुहल्लों को फूलों, लाइटों, इस्लामी झण्डों, गुब्बारों, झंडियों से सजाया गया है। कई जगहों पर जुलूस के इस्तकबाल के लिए गेट भी तैयार किए गए हैं। घरों, मस्जिदों व दरगाहों पर इस्लामी झंडे लहरा रहे हैं। मोहल्ला अहमदनगर चक्शा हुसैन को बहुत ही शानदार तरीके से सजाया गया है।

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अल्लाह ने पैगंबर-ए-आजम को नूर बनाकर भेजा : कारी अफजल

इस्माईलपुर में गुरुवार को ईद मिलादुन्नबी पर्व की पूर्व संध्या पर जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी हुआ। अध्यक्षता करते हुए कारी अफजल बरकाती ने कहा कि अल्लाह ने पैगंबर मोहम्मद साहब को नूर बनाकर भेजा है, इसलिए उनके दुनिया में तशरीफ लाने के बाद जिहालत, बदकिरदारी, जुल्म व सितम, बेइंसाफी, खत्म हुई और नूर की रोशनी से इल्म, अच्छे किरदार, अच्छे बर्ताव और इंसाफ और आपसी भाईचारा का बोलबाला हो गया। नात कारी नसीमुल्लाह व एजाज गोरखपुरी ने पेश की। आखिर में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क की तरक्की, खुशहाली व भाईचारे की दुआ मांगी गई। जलसे में हाजी कलीम फरजंद, इकरार अहमद, अब्दुल्लाह, सैयद शहाब, शहाब अंसारी, राजू, मो। शाद, सैयद जफ़र, शकील, अब्दुल कादिर, अजमल, मो। नवाज हुसैन, मो। सादिक कलीम आदि मौजूद रहे।

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याद में लगाया पौधा

मदरसा गौसिया मानबेला खास में पैगंबर मोहम्मद साहब की याद में गुरुवार को पौधारोपण किया गया। कुरआन ख्वानी की गई। इस मौके पर प्रबंधक हाफिज मो। हदीस, फरीद अहमद, एजाज अहमद, मो। लुकमान, फजले आलम, शहनवाज, अयान खान, मो। वासिफ, शहबाज, अरबाज आदि मौजूद रहे।

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पैगंबर-ए-आजम अल्लाह का नूर व आखिरी पैगंबर हैं : हाफिज दानिश

ईद मिलादुन्नबी की पूर्व संध्या पर गुरुवार को कटसहरा में जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी हुआ। अध्यक्षता मौलाना गुलाम रसूल अमजदी ने व संचालन मौलाना दानियाल ने किया। मुख्य वक्ता हाफिज मो। दानिश रजा ने कहा कि मुसलमानों को अल्लाह की तरफ से जो भी सौगात मिली है, वह पैगंबर मोहम्मद साहब के सदके में ही मिली है। मुसलमानों के लिए रबीउल अव्वल शरीफ का महीना बहुत अहम है। तिलावत कारी अब्दुल कादिर निजामी ने किया। नात शरीफ हाफिज मुशहिद रजा, हाफिज सैफ रजा, हाफिज शमीम रजा, हाफिज मो। इरफान ने पेश की। आखिर में सलातो सलाम पढ़कर अमनो अमान की दुआ मांगी गई।

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पैगंबर-ए-आजम ने अल्लाह के पैगाम को पूरी दुनिया में पहुंचाया

हुमायूंपुर उत्तरी में गुरुवार को जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी हुआ। अध्यक्षता बरकत हुसैन ने व संचालन हाफिज अजीम अहमद नूरी ने किया। मुख्य अतिथि मुफ्ती मो। अजहर शम्सी ने मोहम्मद साहब की जिंदगी व सीरत पर रोशनी डाली। आपको तरह-तरह की तकलीफें दी गईं। जिसका आपने डट कर सामना किया। आपको मक्का से हिजरत करने पर मजबूर किया गया। आपने मदीना शरीफ में ठहराव पसंद किया। इतनी परेशानियों के बाद आपने मिशन को नहीं छोड़ा और अल्लाह के पैगाम को पूरी दुनिया में पहुंचाया। आपने मजलूमों, गुलामों, औरतों, बेसहारा, यतीमों को उनका हक दिलाया। तिलावत हाफिज इब्राहीम नूरी ने की। आखिर में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। जलसे में मौलाना इम्तियाज अहमद, मौलाना तफज्जुल हुसैन, हाफिज मो। आरिफ रजा, मौलाना शाबान रजा आदि मौजूद रहे।

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दुनिया के लिए रहमत व रहनुमा बनकर आए मोहम्मद साहब

बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में महफिल-ए-मिलादुन्नबी हुई। इसमें मौलाना अली अहमद ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम का असली मिशन अमन व शांति है। दीन-ए-इस्लाम हमें अपने वतन से मोहब्बत का पैगाम देता है। बहरामपुर में महफिल-ए-मिलादुन्नबी में मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि ईद मिलादुन्नबी पर अर्श से लेकर फर्श तक खुशियां मनायी जाती है। गाजी रौजा में महफिल-ए-मिलादुन्नबी के दौरान मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि पैगंबर-ए-आजम की तालीम को खुद अपनाएं दूसरों तक पहुचाएं। जामा मस्जिद दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद नार्मल में महफिल-ए-मिलादुन्नबी में कारी बदरे आलम निजामी ने अपनी बातें रखीं। आखिर में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो सलामती की दुआ मांगी गई।

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बच्चों का नातिया मुकाबला आज

ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शुक्रवार सुबह 7:30 बजे से मस्जिद अनवारे मुस्तफा जटेपुर उत्तरी में बच्चों का नातिया मुकाबला होगा। जिसमें 30 बच्चे शिरकत करेंगे। बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा। यह जानकारी मस्जिद के इमाम मौलाना अली अहमद बरकाती, अनवर हुसैन व हाफिज अब्दुल लतीफ ने दी। वहीं नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में दोपहर 2:30 बजे 12 मस्जिदों के मुअज्जिनों को सम्मानित किया जाएगा। यह जानकारी अलाउद्दीन निजामी व शाबान अहमद ने दी है।