गोरखपुर (ब्यूरो)।एडवांस पेमेंट के बावजूद बिजली इंप्लाई बकाएदार बन गए हैं। उन पर कनेक्शन लेना मेंडेटरी क्या हुआ, बिजली निगम के सिस्टम ने चुकाए जा चुके बिल का भी बकाया बताने वाला एसएमएस भेज-भेजकर इंप्लाइज का सुकून छीन लिया है, आलाधिकारियों को अवगत कराकर वह खामियों को दुरुस्त कराने में जुटे हैं।

1600 एंप्लाई प्रभावित

जोन के अलग-अलग वितरण खंडों व मंडलों में 1600 के आस-पास अभियंता व इंप्लाई कार्यरत है। चेयरमैन के निर्देश पर चार माह पहले स्थानीय अधिकारियों ने अलग-अलग खंडों में कार्यरत अभियंताओं व इंप्लाइज के नाम से इस्तेमाल होने वाली बिजली पर 1600 कनेक्शन आईडी ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम में जनरेट की। इसके बाद ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम ने मुख्य अभियंता से लेकर चपरासी तक 888 रुपए का बिल जारी कर दिया। जबकि सभी के लिए अलग-अलग बिल भुगतान की व्यवस्था है।

मैपिंग न होने से मुसीबत

अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम में मैपिंग नहीं होने से कर्मचारियों व अभियंताओं को बिल बकाए का मैसेज मिल रहा है। इसको लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है। वैसे बिल भुगतान करने की सबसे अच्छी व्यवस्था वेतन से कटौती ही है। यदि किसी खंड को नामित किया जाता है। तो दूसरे जनपद के लोगों को भुगतान में दिक्कत आएगी।

बिजली इंप्लाइज के वेतन से यह कटौती होती

श्रेणी बिजली बिल की राशि

अवर अभियंता 832 रुपए

सहायक अभियंता 1031 रुपए

अधिशासी अभियंता 1099 रुपए

अधीक्षण अभियंता 1507 रुपए

मुख्य अभियंता 1706 रुपए

(गर्मी में छह माह तक एसी लगाने पर 650 रुपए अलग से चार्ज होता है)

सिस्टम की खामी के कारण कर्मचारियों को बिजली बिल बकाए का मैसेज मिल रहा है। बहुत जल्द इसको लेकर गाइडलाइन जारी होगी। कर्मचारी वेतन से भुगतान करेंगे या काउंटर पर। मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।

- ई। आशु कालिया, चीफ इंजीनियर, पूर्वांचल वितरण निगम