गोरखपुर (अनुराग पांडेय).कंपोजिट स्कूल करमैनी की टीचर शशिकला यादव स्कूल में बच्चों के बीच शिक्षिका के रूप में नहीं बल्कि उनकी दोस्त बनकर रहती हैं। शशिकला ने बताया कि स्कूल में आठवीं में पढऩे वाला स्टूडेंट पढ़ाई से भागता था। एक दिन टीचर ने उस बच्चे से अकेले में बात की, तब पता चला कि उसकी कई मजबूरियां थीं, जो वो शेयर नहीं कर पा रहा था। टीचर्स ने उसकी प्रॉब्लम को सॉल्व कर दिया। इसके बाद अब वो डेली स्कूल में ही बैठकर अपना होमवर्क पूरा करता है। इसके बाद ही वो घर जाता है। इसी तरह शशिकला सभी बच्चों से इतना अधिक घुली मिली हैं कि सभी बच्चे अपनी हर तरह की प्रॉब्लम्स उनसे शेयर करते हैं।

टीचर नहीं आती, तो फोन से बात करते हैं बच्चे

कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय भिउरी बांसगांव को देखने के बाद आप ये नहीं कह सकते कि ये किसी कॉनवेंट स्कूल से कम है। यहां पर टीचर दिव्या पांडेय की पहल पर स्कूल के अंदर सीसीटीवी कैमरा, स्मार्ट क्लास, आरो, वाइट बोर्ड, बेंच डेस्क और पूरे कैंपस में टाइल्स लगे हैं। क्लास 1 से 8 तक के इस स्कूल की टीचर दिव्या ने कम ही दिनों में बच्चों के दिल में इस तरह जगह बनाई है कि उनको बिना देखे कोई भी बच्चा नहीं रह पाता है। एक दिन भी टीचर बीमार पड़ गईं और स्कूल नहीं आई तो बच्चे अन्य स्टाफ के मोबाइल से दिव्या मैम से बात करते हैं।

बच्चों को मां की तरह मानती हैं अनिता

कंपोजिट स्कूल सराय गुलरिहा में 500 से अधिक बच्चे हैं। इस स्कूल की पूरी काया ही टीचर अनिता श्रीवास्तव ने अपन दम पर बदल कर रख दी है। गोरखपुर ही नहीं लखनऊ तक अपने नए-नए वीडियो के लिए फेमस अनिता को कई पुरस्कार मिल चुके हैं। अनिता घर की तरह ही स्कूल के बच्चों को भी अपना परिवार मानती हैं। उनकी छोटी-छोटी प्रॉब्लम अपने पास से वो दूर करती हैं। स्कूल के बच्चे भी अपनी फेवरेट मैम के लिए हाथ से बनाया गिफ्ट और फूल डेली लेकर स्कूल में पहुंचते हैं। बच्चों का चेहरा देखकर अनिता उनकी प्रॉब्लम को समझ लेती हैं।