गोरखपुर (ब्यूरो)। इंजीनियर्स की मानें तो अपनी उम्र पूरी कर चुके तार आए दिन टूट रहे हैं। वहीं, तेल रिसाव, झूलते तार और लोड बढऩे के चलते ट्रांसफार्मर फुंकने का सिलसिला जारी है। लोकल फॉल्ट भी एक बड़ी समस्या है। गर्मी की वजह से ज्यादातर ट्रांसफार्मर जलने की कंप्लेन आती है। ये हाल तब है, जब हर साल बिजली विभाग तार कसने और झाडिय़ों की छंटाई पर लाखों रुपए खर्च करता है।

एक ट्रांसफार्मर की मरम्मत में लगते हैं 3 दिन

वर्कशॉप एक्सपर्ट का कहना है कि गर्मी में लोड बढऩे और तेल रिसाव के कारण ट्रांसफार्मर जल जाते हैं। सूर्य की रोशनी के कारण ट्रांसफार्मर पूरी तरह से गर्म हो जाते हैं। उसके अंदर जो ऑयल डाला होता है। वह ट्रांसफार्मर को ठंडा करने का काम करता है। यदि ऑयल की मात्रा कम होती है, तो ट्रांसफार्मर हीट करने लगता है। जैसे ही उस पर लोड पड़ता है। उसके फुंकने की आशंका बढ़ जाती है। एक ट्रांसफार्मर को तैयार करने में करीब तीन दिन का समय लगता है। इसलिए स्पेयर में पहले से ही ट्रांसफार्मर रखे गए हैं, ताकि कंज्यूमर्स को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

वर्कशॉप में होती है मरम्मत

गोरखपुर वर्कशॉप में 10 केवीए, 25 केवीए, 63 केवीए, 100 केवीए के अलावा अधिक क्षमता वाले 160 केवीए, 150 केवीए, 400 केवीए और 630 केवीए के ट्रांसफार्मर की मरम्मत होती है। वर्कशॉप में मरम्मत के लिए इन दिनों 15 से 20 ट्रांसफार्मर डेली आ रहे हैं।

गोरखपुर जिले में फुंके ट्रांसफार्मर

माह फुंके ट्रांसफार्मर

अप्रैल 350

मार्च 280

फरवरी 280

(नोट: 400 ट्रांसफार्मर वर्कशॉप में उपलब्ध हैं.)

वर्जन

गर्मी में ज्यादातर ट्रांसफार्मर फुंकने की कंप्लेन मिलती है। इसलिए स्पेयर में 400 ट्रांसफार्मर उपलब्ध हैं। कहीं से भी इसकी सूचना मिलती है तो वर्कशॉप से ट्रांसफार्मर भेज दिया जाता है।

विनोद कुमार यादव, असिस्टेंट इंजीनियर वर्कशॉप