-डीएम के रडार पर गन हाउस, 22 हजार लाइसेंस की जांच शुरू

-फर्जी दस्तावेज तैयार कर शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गैंग पर डीएम की पैनी नजर

-डीएम की तरफ से नामित किए गए टीम ने रिवाल्वर जारी करने वाली हर्ष लिनोलियम हाउस रवि आ‌र्म्स कारपोरेशन को किया सीज

GORAKHPUR: जाली दस्तावेज तैयार कर शस्त्र लाइसेंस बनाने का खेल गोरखपुर में जोरशोर से चल रहा है। मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा है। डीएम ने जांच कमेटी गठित कर हर्ष लिनोलियम हाउस रवि आ‌र्म्स कारपोरेशन को सील करने का आदेश दे दिया है। डीएम के राडार पर 21 गन हाउस हैं। 21 में 10 गन हाउस की दुकानों के शस्त्र व कारतूस के खरीद-बिक्री के रजिस्टर को जांच टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है।

तनवीर है फर्जी दस्तावेज का मास्टर माइंड

14 अगस्त को फर्जी ढंग से दस्तावेज तैयार कर शस्त्र लाइसेंस पर रिवाल्वर खरीदने का मामला प्रकाश में आया था। रिवाल्वर खरीदने के आरोप में गोरखनाथ निवासी तनवीर खान को गिरफ्तार किया गया है। तनवीर ने पचपड़वा निवासी गोपीनाथ को इस धंधे का मास्टर माइंड बताया है। तनवीर, गोपीनाथ यह काम करता है। फर्जी लाइसेंस पर हथियार खरीदने के आरोप में गिरफ्तारी और रिवाल्वर की बरामदगी की खबर आम होते ही पुलिस प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई है। इसके बाद से डीएम के विजयेंद्र पांडियन के आदेश पर एडीएम सिटी आरके श्रीवास्तव, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रथमेश कुमार व सिटी मजिस्ट्रेट अजीत प्रताप सिंह की टीम बनाई गई है। जांच टीम ने शुक्रवार दोपहर कुछ दुकानों को सील कर दिया। साथ ही 10 आ‌र्म्स की दुकानों के रजिस्टर को जांच के लिए अपने कब्जे में ले लिया है।

दो-तीन गैंग का डीएम करेंगे खुलासा

डीएम ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर असलहा खरीदने का मामला बेहद गंभीर है। इसके लिए सभी लाइसेंसी असहलों की जांच शुरू कर दी गई है। शस्त्र विभाग की तरफ से सभी लाइसेंस धारकों को नोटिस जारी कर उनका वेरिफिकेशन कराया जाएगा। सभी की यूनिक आईडी नंबर चेक किए जाएंगे। चूंकि 2017 के बाद से शस्त्र लाइसेंस का यूनिक आईडी नंबर होता है। यूनिक आईडी जांच कर शस्त्र व कारतूस की भी जांच की जाएगी। डीएम ने कहा कि फर्जी ढंग से दस्तावेज तैयार कर शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले दो से तीन गैंग सक्रिय हैं। इनके नंबर्स सर्विलांस पर लगाए गए हैं। बहुत जल्द इन गैंग का पर्दाफाश भी करवाएंगे।

फर्जी लाइसेंस पर 34 असहले की बिक्री

डीएम ने बताया कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक दो नहीं बल्कि 34 असलहे को बेचा गया है। जब बेचा गया है तो फिर इसकी जानकारी शस्त्र विभाग को क्यों नहीं दी गई? इसके साथ ही जितने कारतूस को बेचा गया है। उसकी रिपोर्ट आ‌र्म्स दुकानदार को शस्त्र विभाग को देना होता है। लेकिन इसमें आ‌र्म्स गन हाउस की संदिग्ध भूमिका है। ऐसे 21 दुकान हैं, जिनके रजिस्ट्रर की जांच शुरू हो गई है।

इन बिंदुओं पर होगी लाइसेंस होल्डसर् की जांच

- रिन्युअल

- दूसरे जिले से आने वाले ट्रांसर्फर वाले लाइसेंस

- वरासत वाले शस्त्र लाइसेंस

- यूनिक आईडी

- शस्त्र (बंदूक, रिवाल्वर, पिस्टल )

वर्जन

फर्जी दस्तावेज तैयार कर शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले दो से तीन गैंग काम कर रहे हैं। इन गैंग को बहुत जल्द पकड़ लिया जाएगा। इसके लिए सभी के नंबर सर्विलांस पर लगाए गए हैं। किसी भी दशा में इन्हें छोड़ा नहीं जाएगा।

के विजयेंद्र पांडियन, डीएम, गोरखपुर