गोरखपुर (ब्यूरो)।पहले 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह बीमारी होती थी, अब 25 से 35 वर्ष के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैंं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में डेली 10 से 12 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ रही है।

पैरों में होती झुनझुनी

बीआरडी मेडिकल कॉलेज व प्राइवेट अस्पतालों की मेडिसिन व न्यूरोलॉजी ओपीडी में आने वाले गर्दन दर्द, कमर दर्द, पीठ दर्द के पेशेंट्स की संख्या डेली लगभग 200 है। इनमें से 30 पेशेंट्स की उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच है। 10-12 पेशेंट स्पांडिलाइटिस, 2 से 3 पैरों में झुनझुनी व शेष सर्वाइकल से पीडि़त होते हैं। विशेषज्ञों ने इसका कारण गलत ढंग से बैठना, देर तक मोबाइल देखना, गर्दन को झुकाकर काम करना या पढऩा, ज्यादा देर तक झुककर काम करना और व्यायाम न करना बताया है।

बचाव के लिए ये करें

सही मुद्रा में बैठें।

एक्टिव रहें और व्यायाम करें।

काम करते समय रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।

संतुलित आहार लें।

यह न करें

झुककर बैठने से बचें।

अत्यधिक परिश्रम न करें।

लंबे समय तक एक ही अवस्था में न बैठें।

अत्यधिक स्क्रीन टाइम से बचें।

अधिक वजन पर नियंत्रण करना जरूरी है। मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम करें। ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर्स से संपर्क करें।

डॉ। अनिंद्य गुप्ता, न्यूरो सर्जन बीआरडी मेडिकल कॉलेज