-मीटर चेक करने के नाम पर कंज्यूमर्स को चूना लगा रहे हैं फेक बिजलीकर्मी

-शिकायत के बावजूद विभाग द्वारा एक्शन न लेना खड़े कर रहा है सवाल

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अंधियारी बाग रानीगोला की रहने वाले मीना गुप्ता के घर कुछ लोग पहुंचे। खुद को बिजली कर्मचारी बताया। छह हजार बिजली बिल बकाया बताकर मीटर की जांच शुरू कर दी। टॉर्च जलाकर कुछ तार ऊपर-नीचे किए और फिर मीटर में गड़बड़ी बता दी। बिजली कर्मचारी होने का दावा करने वालों ने मीना से 20 हजार रुपए का जुर्माना भी वसूल लिया। घबराई मीना कुछ समझ नहीं पाई। कर्मचरियों ने उन्हें कोई रसीद भी नहीं दी और अगले दिन आने की बात कहकर वह मौके से चलते बने। बाद में मीना ने पड़ोस में पूछा तो कहीं भी बिजली विभाग की टीम आने की जानकारी नहीं मिली। इसके बाद मीना को खुद को ठगे जाने का एहसास हुआ।

तेजी से बढ़े हैं मामले

ऊपर दिया गया केस तो सिर्फ एक एग्जांपल है। फर्जीवाड़े का यह खेल बहुत तेजी से चल रहा है। दुर्गाबाड़ी और बक्शीपुर एरिया में एजेंट 33 परसेंट बिल सेटल करने का ऑफर दे रहे हैं। वहीं मीटर लगाने के नाम पर भी कंज्यूमर्स से पैसे वसूले जा रहे हैं। महादेव झारखंडी एरिया में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। सावित्री देवी के पास पिछले साल एक व्यक्ति पहुंचा। उसने खुद को बिजली कर्मचारी बताते हुए बिल ठीक कराने के नाम पर करीब 30 हजार रुपए ले लिए। मामला जब पुलिस के पास पहुंचा तो एजेंट ने किसी तरह से पैसा वापस किया।

पकड़ा गया था एक शातिर

दो महीने पहले बक्शीपुर के एक कंज्यूमर को नया कनेक्शन लेना था। एजेंट ने झांसा देकर उससे 50 हजार रुपए वसूल लिए। इतना ही नहीं उसे फर्जी रसीद भी दे दी। इसकी जानकारी होने के बाद कंज्यूमर ने बक्शीपुर पुलिस चौकी पर शिकायत की। पुलिस ने उस व्यक्ति की निशानदेही पर शातिर को पकड़ लिया और चौकी पर बैठा लिया। बाद में एजेंट ने कंज्यूमर को पैसा वापस कर दिया।

आखिर क्यों नहीं लिया एक्शन

मीना गुप्ता के यहां मीटर जांचने वालों का एक व्यक्ति ने वीडियो भी बनाया था। खुद को बिजलीकर्मी बताने वाले जब अगले दिन नहीं पहुंचे तो घर के सदस्य बिजली विभाग के ऑफिस पहुंचे। वीडियो एविडेंस के साथ शिकायत बिजली विभाग के एक्सईएन से की। आश्वासन तो मिला, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।

बकाएदारों की लिस्ट एजेंट के पास कैसे?

-बकाएदारों की लिस्ट बिजली विभाग सीक्रेट रखता है। सिर्फ विभागीय अधिकारियों को ही लिस्ट दी जाती है।

-ऐसी व्यवस्था होने के बाद भी शातिरों को बकाएदारों के बारे में जानकारी हो जा रही है।

-वहीं उनका नाम और घर का ठिकाना भी पता चल जा रहा है, जिससे वह उनके घर पर पहुंचकर उन्हें ठग ले रहे हैं।

-आखिर ये लिस्ट एजेंट के पास कैस पहुंची? यह एक जांच का विषय है।

-इस बात की चर्चा खूब है कि बिजली विभाग में एजेंट और कर्मचारियों के बीच मिलीभगत है।

बॉक्स

पहले भी कई बार ठगा एजेंटों ने

-दिसंबर 2020 में कनेक्शन दिलाने के नाम पर कंज्यूमर से 50 हजार रुपए की ठगी का मामला सामने आया था।

-फरवरी 2020 में सिंघडि़या के महादेव झारखंड में बिजली का बिल कम कराने के नाम पर 30 हजार की ठगी।

-2019 में अपने को बिजली कर्मचारी बताकर कंज्यूमर्स से 50 हजार रुपए ठगी का मामला सामने आया था।

2015-16 में मोहद्दीपुर में पांच से अधिक मामले गोलमाल के सामने आए। इसमें दो मामले तो एमडी ऑफिस तक पहुंच गए।

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01.95 लाख है महानगर में कंज्यूमर्स की संख्या

78110 फ‌र्स्ट डिवीजन में कंज्यूमर

82636 सेकेंड डिवीजन में कंज्यूमर

41076 थर्ड डिवीजन में कंज्यूमर

41131 फोर्थ डिवीजन में कंज्यूमर

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यह गंभीर मामला है। ऐसा हो रहा है तो गलत है। शिकायत के आधार पर संबंधित के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। साथ ही पूरे प्रकरण की जांच भी कराई जाएगी।

-इं। यूसी वर्मा, एक्सईएन, बक्शीपुर