-सड़क किनारे दुकान खोलकर बैठे दुकानदार लोगों को बना रहे बेवकूफ
-हाई सिक्योरिटी का तो यहां पर बना दिया गया है मजाक
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हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर काफी कवायद चल रही है। इसकी बुकिंग से लेकर इसे लगवाने तक की गाइडलाइंस बिल्कुल क्लियर हैं। लेकिन गोरखपुर में सड़क किनारे खुली दुकानों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर लोगों को सरेआम बेवकूफ बनाया जा रहा है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने एक ऐसे ही दुकानदार से बात की। दुकानदार ने न सिर्फ हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट देने की बात कही, बल्कि कुछ घंटे बाद लगा भी दिया। पढि़ए आखिर कैसे हुआ यह सब
इस तरह सामने आया मामला
शहर में सड़क किनारे खुली दुकानों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर लोगों को खूब बेवकूफ बनाया जा रहा है। इस बात की सूचना मिलने के बाद दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर खुद पूरे मामले की पड़ताल करने निकल पड़ा। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर पहुंचा विजय रोड। यहां पर नंबर प्लेट सजाए बैठे एक दुकानदार से रिपोर्टर की कुछ यूं बात हुई।
दुकानदार और रिपोर्टर के बीच बात
रिपोर्टर: मुझे अपनी गाड़ी में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवानी है।
दुकानदार: उसमें काफी समय लगता है।
रिपोर्टर: नहीं हमें अर्जेट चाहिए। हमें परदेस जाना है। घर पर बाइक रहेगी। इतना टाइम नहीं है।
दुकानदार: फिर आप ये वाला लगवा लीजिए (नंबर प्लेट दिखाते हुए)।
रिपोर्टर: यह हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट है?
दुकानदार: हां, समझ लीजिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ही है।
रिपोर्टर: हम घर नहीं रहेंगे। बाद में घर का कोई मेंबर बाइक लेकर निकला तो प्रॉब्लम नहीं न होगी?
दुकानदार: कोई पकड़ नहीं पाएगा। कितने लोग तो लगवाकर जा चुके हैं।
रिपोर्टर: ठीक है, फिर लगा दीजिए।
दुकानदार: अभी नहीं। शाम को आइएगा लगा देंगे।
फिर रिपोर्टर शाम को पहुंचा
रिपोर्टर: लीजिए आ गए हैं। अब तो लगा दीजिए।
दुकानदार: हां, ठीक है। पैसा दीजिए।
रिपोर्टर: कितना पैसा लगेगा?
दुकानदार: 400 रुपए लगता है।
रिपोर्टर: 350 रुपए हैं हमारे पास।
दुकानदार: चलिए ठीक है, लग जाएगा।
रिपोर्टर: लेकिन लोग तो बताते हैं कि इसे सिर्फ एजेंसी में ही फिट कराया जा सकता है।
दुकानदार: ऐसा कुछ नहीं है। एजेंसी पर जाइए। 15 दिन तक झेलेंगे। हम सब फिट कर देते हैं। मोनोग्राम, होलोग्राम सब वैसा ही रहेगा।
(थोड़ी देर बाद रिपोर्टर की बाइक पर फेक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लग चुकी थी। )
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जगह-जगह चल रहा है धंधा
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर बेवकूफ बनाने का धंधा पूरे शहर में चल रहा है। इस खेल में आरटीओ ऑफिस के सामने से लेकर विजय चौक समेत अन्य जगहों पर सड़क किनारे दुकान खोलकर बैठे दुकानदार शामिल हैं। यह हाई सिक्योरिटी के नाम पर लोगों को पहले डराते हैं। इसके बाद अपने यहां से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने पर दबाव डालते हैं।
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यह है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने का पूरा प्रॉसेस
https://bookmyhsrp.com/ वेबसाइट पर विजिट करना पड़ेगा।
इसके बाद निजी या फिर सार्वजनिक वाहन से जुड़ा ऑप्शन सिलेक्ट करना होगा।
फिर वाहन के पेट्रेाल, डीजल, सीएनजी आदि का ऑप्शन ओपन होगा।
इसमें से एक ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
इसके बाद वाहन की कैटगरी ओपन होगी। जैसे स्कूटर, मोटर साइकिल, गाड़ी ऑटो, भारी वाहन में से किसी एक को सिलेक्ट करना होगा।
फिर दूसरा ऑप्शन ओपन होगा। जिसमें वाहन की कंपनी के बारे में जानकारी देनी होगी।
अगला ऑप्शन क्लिक करने पर स्टेट का ऑप्शन आएगा इसे भरने पर डीलर्स के ऑप्शन दिखने लगेंगे
डीलर सिलेक्ट करने के बाद वाहन संबंधित जानकारी भरनी होगी, इसमें रजिस्ट्रेशन नंबर, रजिस्ट्रेशन डेट, इंजन नंबर, चेचिस नंबर, ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर
इसके बाद एक और विंडो ओपन होगी, जिसमें वाहन स्वामी का नाम, पता और दूसरी जानकारी भरनी होगी
वाहन की आरसी और आइडी प्रूफ भी अपलोड करना होगा, इसके बाद एक ओटीपी जनरेट होगा
फिर बुकिंग के टाइम और डेट का आप्शन दिखेगा लास्ट में पेमेंट की प्रक्रिया का ऑप्शन आएगा
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क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
-हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एल्युमीनियम से बनी होती है।
-इसमें एक क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम दिया जाता है। जिसे प्रेशर मशीन से तैयार किया जाता है।
-इस प्लेट पर एक पिन अंकित होता है, जिसे वाहन से जोड़ा जाएगा।
-बता दें, इस पिन के माध्यम से वाहन को जोड़ने पर वाहन दोनों तरफ से लॉक हो जाएगा।
यह हैं फायदे
वर्तमान में इस्तेमाल की जाने वाली नंबर प्लेटों के साथ छेड़छाड़ करना बहुत आसान है।
नॉर्मल नंबर प्लेट को आसानी से बदला जा सकता है।
आमतौर पर, वाहन चोरी करने के बाद सबसे पहले पंजीकरण प्लेट को बदला जाता है।
इससे पुलिस और अधिकारियों के लिए चोरी के वाहन को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को हटाया नहीं जा सकेगा।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाहन पर मालिक द्वारा इंजन नंबर, चेसिस नंबर आदि जानकारी प्रदान करने के बाद ही जारी किए जाते हैं।
-हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर लगे बारकोड को स्कैन करते ही इससे जुड़ी पूरी इंफॉर्मेशन सामने आ जाती है।
-यह रजिस्ट्रेशन प्लेटों की जालसाजी को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।