-शहर में फिर लौटे नकली पुलिस वाले, पब्लिक की बढ़ी परेशानी

-धर्मशाला बाजार में महिला को बनाया शिकार, गहने उतरवाकर हुए फरार

GORAKHPUR: शहर में पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस अधिकारी थानों और चौकियों पर मीटिंग कर क्राइम कंट्रोल करने के टिप्स दे रहे हैं। नवागत एसपी सिटी भी लगातार बैठकें कर पुलिस की विजबिल्टी बढ़ाने पर जोर दे रहे। इस कवायद के बावजूद नकली पुलिस शहर की असली पुलिस पर भारी पड़ रही है। रविवार को दो उचक्कों ने खुद को पुलिस वाला बताते हुए चेकिंग का हवाला देकर महिला की महंगी ज्वेलरी उड़ा दी। घटना की सूचना पर पुलिस जांच में जुटी है। सोमवार को एसएसपी ने इसकी जानकारी धर्मशाला चौकी प्रभारी से ली। उन्होंने एसपी सिटी और सीओ गोरखनाथ को मौके पर जाकर छानबीन करने कहा। सख्त लहजे में एसएसपी ने वारदात को अंजाम देने वालों को अरेस्ट करने की बात कही। करीब तीन साल से पुलिस वाला बनकर शहर में लोगों से लाखों रुपए की ज्वेलरी उड़ा चुके शातिर अभी तक पकड़े नहीं जा सके हैं।

महिला की लूट ले गए चेन

गोरखनाथ एरिया के हुमायूंपुर उत्तरी निवासी वीरेंद्र प्रताप सिंह की पत्‍‌नी जानमति सिंह ने पुलिस को सूचना दी। बताया कि शनिवार को वह धर्मशाला बाजार में टेंपो से उतरकर पैदल ही घर जा रही थीं। तभी रास्ते में लोग मिले। इनमें एक ने सिविल ड्रेस में था। दूसरे ने वर्दी की तरह कपड़े पहन रखे थे। खुद को पुलिस वाला बताते हुए दोनों ने चेकिंग का हवाला दिया। कहा कि सोने का कंगन, चेन और अंगूठी निकालकर बैग में रख लीजिए। महिला ने ऐसा ही किया। थोड़ी देर बाद आगे जाकर उन्होंने जब बैग चेक किया तो उसमें ज्वेलरी गायब थी। वह वापस गई तो खुद को पुलिस वाला बताने वाले भी नहीं मिले। महिला की सूचना पर पुलिस जांच में जुटी है। 24 घंटे के बाद भी इस मामले में कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है। घटनास्थल के आसपास रोड कंस्ट्रक्शन का वर्क होने से सीसीटीवी कैमरे भी नहीं चल रहे हैं। इससे पुलिस की परेशानी काफी बढ़ गई है।

चेकिंग के बहाने निकाल लेते हैं कीमती सामान

फर्जी पुलिस वाला बनकर चेकिंग के बहाने लोगों से लूटपाट करने वाला गैंग अक्सर लोगों को शिकार बनाता है। इस गैंग के सदस्य मार्केट में एक्टिव हैं। यह उस व्यक्ति को टारगेट करते हैं जो रुपए लेकर खरीदारी करने के लिए थोक मार्केट में जाता है। या फिर कोई ऐसा व्यक्ति जिसके पास ज्यादा नकदी हो सकती है। उसका पीछा करके उसे कहीं पर रोक लेते हैं। खुद को पुलिस वाला बताकर उसके बैग की तलाशी लेने, जेब टटोलने का झांसा देकर सारा सामान लूटकर फरार हो हैं। जालसाजों को पुलिस वाला समझकर बिजनेसमैन प्रतिकार नहीं करते। बाद में मालूम होता है कि फर्जी पुलिस वालों ने उनके साथ चीटिंग की है।

ज्यादा ज्वेलरी पर रोक का झांसा देते जालसाज

फर्जी पुलिस वाले बनकर महिलाओं की ज्वेलरी लूटने वाले शातिर दूसरा तरीका अपनाते हैं। चेकिंग के दौरान वह ऐसी महिला को टारगेट करते हैं जो उनकी बातों पर यकीन कर ले। सोने की चेन, लॉकेट, कंगन सहित अन्य गहने पहनी महिला को रास्ते में रोक लेते हैं। उनको बताते हैं कि चोरों से बचने के लिए पुलिस की चेकिंग चल रही है। आगे जाने पर आप के साथ लूटपाट हो सकती है। इसलिए अपने सारे गहने उताकर हमें दे दीजिए। इस बीच उनका ही कोई साथी आकर पुलिस बने साथियों को अपनी कोई ज्वेलरी देकर आगे बढ़ जाता है। इससे महिला को यकीन होता है कि उसकी सुरक्षा के लिए उपाय किया जा रहा है। झांसे में आकर महिलाएं नकली पुलिस वालों को असली ज्वेलरी थमा देती है। आगे जाकर पुलिस गहने लौटा देती है। चेक करने पर मालूम होता है कि जालसाजों ने ठगी कर ली है।

कोतवाली पुलिस ने चलाया अभियान, बजाया लाउडस्पीकर

पुलिस वाला बनकर जालसाजी की वारदातें कोतवाली और कैंट एरिया में सर्वाधिक हुई हैं। इन दो थाना क्षेत्रों के अलावा शाहपुर में भी कुछ मामले सामने आए। कोतवाली एरिया में लगातार हो रही घटनाओं से परेशान होकर पुलिस ने लाउडस्पीकर के जरिए प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया। लॉक डाउन के पूर्व तक चौराहों पर लगे लाउड स्पीकर के जरिए लोगों को नकली पुलिस वालों से बचने की सलाह दी जाती थी। इसके अलावा जगह- जगह पोस्टर लगाकर भी पुलिस, पब्लिक को अलर्ट करती थी। कोरोना संक्रमण शुरू होने पर पुलिस की यह व्यवस्था बंद हो गई।

तीन साल बाद भी नहीं भूली कोतवाली की घटना

कोतवाली एरिया में कोलकाता के कपड़ा व्यापारियों से चेकिंग के नाम पर पुलिस वाले बनकर बदमाशों ने साढ़े सात लाख रुपए लूट लिए थे। दिन दहाड़े हुए वारदात के बाद तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने जल्द ही बदमाशों को पकड़ने की बात कही थी। लेकिन तीन साल बाद भी बदमाश पुलिस के हाथ नहीं लग सके।

इन घटनाओं में नहीं मिला सुराग

- 24 अक्टूबर 2017 : एसओजी का सिपाही बताकर कोतवाली क्षेत्र में कोलकाता के व्यापारी से 7.50 लाख रुपए लूटे।

- 27 अक्टूबर 2017 : असुरन के पास खुद को चौकी प्रभारी बताकर एक स्कूल के प्रबंधक की पत्‍‌नी के गहने उतरवा लिए। महंगी ज्वेलरी लेकर शातिर फरार हो गए।

- 08 नवंबर 2017: रेती रोड पर कानपुर के ट्रांसपोर्टर से तेजनारायण के बैग में रखे 1.56 लाख रुपए की लूट हुई।

- 06 अक्टूबर 2018 : अलहदादपुर की रहने वाली महिला को बेतियाहाता में रोक कर खुद को पुलिसकर्मी बता गहने उतरवा लिए।

- 06 जनवरी 2019 : साहबगंज में खुद को एसटीएफ का सिपाही बता बदमाशों ने किराना व्यापारी के मुनीम से 92 हजार रुपये उड़ा दिए।

- 13 जनवरी 2019 : सिवान (बिहार) के चश्मा व्यापारी मंजर आलम के कर्मचारी मुन्ना से रेती चौक पर बदमाश ने खुद को पुलिस वाला बताकर 25 हजार रुपए और आठ चश्मे लूट लिए।

- 02 मार्च 2019 : माया कॉम्पलेक्स के पास व्यापारी की पत्‍‌नी से गहने लूट लिए।

- 18 मार्च 2019 : कुशीनगर के व्यापारी से नखास रोड पर लूट का प्रयास किया। सावधानी बरतकर वह बच निकला।

- 04 अप्रैल 2019 : गोलघर में महराजगंज के सर्राफ से पांच हजार रुपये और कपड़े लूटे।

- 14 जून 2019 : पुलिसकर्मी बताकर बैंक रोड पर महिला से गहनों की लूट हुई।

- मार्च 2019: राजघाट में गीता प्रेस रोड पर पुलिस वाला बनकर व्यापारी की पत्‍‌नी की चेन, अंगूठी और गहने लेकर फरार हो गए।

- 01 जुलाई 2019 : भालोटिया मार्केट में सिद्धार्थनगर, उस्का निवासी दवा कारोबारी को झांसा देकर चेकिंग के बहाने बदमाशों ने एक लाख रुपए की लूटपाट की

- 20 जुलाई 2019 : गीता प्रेस के प्रोडक्शन मैंनेजर लालमणि तिवारी की पत्‍‌नी गीता तिवारी से नकली पुलिस वालों ने गहने लूट लिए। वीसी आवास के पास वारदात को अंजाम दिया।

- 22 अगस्त 2019 : कैंट क्षेत्र में आंबेडकर चौराहे के पास कांग्रेस नेता परवेज सिद्दीकी की मां मुश्तरी सिद्दीकी से तीन लाख के गहने लूटे, एडीजी कैंप आफिस के सामने सड़क पर वारदात की।

- 3 नवंबर 2019: अंबेडकर चौराहे के पास महिला टीचर से लूटपाट की कोशिश, महिला की सक्रियता से बदमाश भाग निकले।

4 दिसंबर 2019: विजय चौक पर टाइल्स व्यापारी के कर्मचारी को झांसा देकर उचक्कों ने एक लाख रुपए का चूना लगा दिया था। ड्रग्स तस्करी का आरोप लगाकर कर्मचारी वसीउल्लाह से चेकिंग के बहाने बदमाशों ने वारदात की। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।

10 सितंबर 2020: कोतवाली एरिया के दुर्गाबाड़ी में शारदा देवी को झांसा देकर खुद को पुलिस वाला बताते हुए जालसाजों ने गहने उड़ा दिए। इस मामले में पुलिस की जांच जहां की तहां है।

राह चलते ये बरतें सावधानी

- पुलिस वाला बनकर कोई चेकिंग करने की कोशिश करे तो शोर मचाएं।

- अधिक नकदी होने पर किसी संदिग्ध को अपने सामान की तलाशी न लेने दें।

- बिना वर्दी के पुलिस कर्मचारी राह चलते किसी की तलाशी नहीं लेते हैं।

- यदि कोई संदिग्ध नजर आए, कोई ऐसी हरकत करे तो नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचना दें।

- बाजार जाते समय किसी रास्ते में किसी के झांसे में न आए। संदेह होने पर जरूर विरोध करें।

वर्जन