- फर्जी लिंक पर जारी हो गया एग्जामिनेशन फॉर्म, ढाई सौ से अधिक स्टूडेंट्स ने भर दिया है फार्म

- स्टूडेंट जमा कर चुके हैं हार्ड कॉपी

- बीकॉम के एक छात्र पर लिंक चोरी करने का लग रहा आरोप

GORAKHPUR: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में साइबर क्राइम का बड़ा मामला सामने आया है। यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन फॉर्म का फर्जी वेब-लिंक जारी हो गया। इस साइट से 250 से अधिक स्टूडेंट्स ने फॉर्म अपलोड कर लिया है। इन स्टूडेंट ने डीडीयू में फार्म जमा कर दिया है। स्टूडेंट्स द्वारा हार्ड कॉपी यूनिवर्सिटी जमा करने पर डीडीयू प्रशासन को इसकी जानकारी हुई है। आनन-फानन में फर्जी साइट को बंद कराया गया है। फार्म जमा कर चुके सभी स्टूडेंट्स से संपर्क कर उन्हें दोबारा फार्म भरवाया जा रहा है। इसमें यूनिवर्सिटी के कॉमर्स डिपार्टमेंट के एक स्टूडेंट पर शक है, जिसकी पड़ताल शुरू कर दी गई है। अगर आपने भी डीडीयू से मिलते-जुलते लिंक के कारण जनवरी में फॉर्म भर दिया है, तो एक बार फिर से डीन ऑफिस से संपर्क कर तस्दीक कर लें।

जनवरी में एक हफ्ते तक खुला था लिंक

बताया जा रहा है कि यह वाकया जनवरी में हुआ। फर्जी साइट की लिंक एक हफ्ते तक खुला रहा। इस दौरान बीए, बीएससी और बीकॉम प्रथम वर्ष के ढाई सौ से अधिक स्टूडेंट्स ने एग्जामिनेशन फॉर्म को ऑनलाइन व ऑफलाइन भर दिया। इस लिंक में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट की सूची भी अपलोड थी। इस वजह से स्टूडेंट को किसी प्रकार का संदेह नहीं हुआ।

ऑफिस पहुंचा फॉर्म तब हुई जानकारी

स्टूडेंट को फॉर्म ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन भी जमा करना था। एग्जामिनेशन फॉर्म की हार्ड कॉपी डीन ऑफिस में जमा करनी थी। स्टूडेंट ने फरवरी में हार्ड कॉपी जमा करनी शुरू कर दी। इस दौरान फॉर्म रिसीव करने वाले कर्मचारियों के कान खड़े हुए। मामला अधिकारियों तक पहुंचा। उन्होंने ऑनलाइन सेल की मदद से फर्जी साइट को बंद कराया।

247 स्टूडेंट को दी गई है सूचना

यूनिवर्सिटी के ऑनलाइन सेल से जुड़े कर्मचारी संतोष पांडेय ने बताया कि बीकॉम में पढ़ने वाले एक स्टूडेंट ने हिमाकत की है। उसने यूनिवर्सिटी की वेबसाइट से लिंक को कॉपी कर फर्जी वेब-लिंक बनाकर फॉर्म जारी कर दिया। इसका एक वीडियो भी उसने यूट्यूब पर डाला है। उसे बंद कराया जा चुका है। अब तक 247 स्टूडेंट को इसकी सूचना दी जा चुकी है। अधिकांश छात्रों ने दोबारा परीक्षा फॉर्म जमा भी कर दिया है।

इस मामले की सूचना ऑनलाइन सेल के जरिए मिली है। कर्मचारियों ने बताया कि लिंक को बंद कराया जा चुका है। मेरी जानकारी में सभी स्टूडेंट से संपर्क किया जा चुका है। वह दोबारा फार्म भर रहे हैं।

डॉ। अमरेन्द्र कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक

कोट-

मैंने यूनिवर्सिटी की वेबसाइट से फॉर्म डाउन लोड किया था। इसके बाद यूनिवर्सिटी के डीन ऑफिस में जमा कर दिया। बाद में पता चला कि वह फॉर्म फेक है। अब दोबारा से फार्म भरना होगा।

आकाश कुमार, बीए, फ‌र्स्ट इयर

मैंने साइबर कैफे पर जाकर फार्म भरवाया था फार्म भरने के बाद दीक्षा भवन में जमा कर दिया। बाद में पता चला कि वह फार्म गलत है.समझ में नहीं आ रहा कि डीडीयू में क्या चल रहा है।

शोभा पासवान, बीए फ‌र्स्ट इयर