गोरखपुर (ब्यूरो)।कड़ाके की ठंड में जब लोग रजाई-कंबल में दुबक के रह रहे हैं, उसी समय किसान खेतों में खड़ी फसल की रखवाली के लिए मेढ़ों पर रात बिता रहे हैं। जिम्मेदारों से कई बार शिकायत करने के बाद भी बात नहीं बनी है। उन्होंने इस पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। कड़ाके की ठंड में छुट्टा पशुओं से अपनी फसल कैसे बचाएं। इसको लेकर किसान चिंतित हैं। किसानों का कहना है, छुट्टा पशु दर्जनों की संख्या में बोई हुई फसल में
घुसकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। आलम यह कि किसान हिम्मत कर खेत से पशुओं को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे है, तो पशु उन्हें दौड़ा ले रहा है, एक तरफ अपनी फसल बचाने के लिए इस कंपकंपाती ठंड में किसानों को अपनी खेतों की रखवाली के लिए वहीं रुकना पड़ रहा है, वहीं ठंड में बीमार होने का भी डर लगा हुआ है। सरा काम भी नहीं किसानों का कहना है कि वह खेती बचाने के चक्कर में कोई दूसरा काम भी नहीं कर पा रहे हैं। सरकार एक तरफ ब्लॉक मुख्यालय स्तर पर छुट्टा पशुओं के लिए गोवंश खोल रखे हैं, जिसमें छुट्टा पशुओं को रखा जा सके, लेकिन जिम्मेदार एरिया में घूम रहे छुट्टा पशुओं को पकड़वाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है। इससे किसानों को निजात मिल सके साथ ही फसल भी बच सके। किसान राधेश्याम राय, गुड्डू सिंह, सुभाष, गुड्डू शाही, अम्बर बहादुर सिंह, पप्पू, हरीश, सहित अन्य किसानों ने छुट्टा पशुओं से निजात दिलाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है।