गोरखपुर (ब्यूरो)। कोरोना संक्रमण के डर से प्रवासी रेल और बसों के माध्यम से अपने घर पहुंचने लगे हैं। बड़े शहरों में प्राइवेट फैक्ट्रियों में काम करने वालों का कहना है कि कोरोना

के बढ़ते केस को देखते हुए अब डर लगने लगा है। हालांकि, फिलहाल लौटने वालों की संख्या कम है। यदि कोरोना की रफ्तार ऐसी ही रही तो लौटने वालों की संख्या जल्द बढ़

जाएगी। एक रेल यात्री ने बताया कि डर के मारे चले आए हैं। कोरोना की रफ्तार तीसरी लहर में काफी खतरनाक है। संक्रमण का आंकड़ा पूरी रफ्तार से तेज होता जा रहा है। एक

प्रवासी ने बताया कि दिल्ली और मुबई में कोरोना बहुत तेजी से अपने चपेट में लोगों को ले रहा है। इस स्थिति में राज्य सरकारों की ओर से कड़े नियम भी लगाए जा रहे हैं। बावजूद

इसके कोरोना की रफ्तार कम नहीं हो रही है। ऐसे में आशंका है कि कहीं एक बार फिर लॉकडाउन की घोषणा न हो जाए।

कोट.

कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। इसलिए चिंता थी कि कहीं फिर से लॉकडाउन न लग जाए। कोरोना का डर भी सता रहा था। इसलिए घर लौटना ही उचित समझा।

पारुल यादव, पैसेंजर

कोरोना धीरे-धीरे अपना पैर पसार रहा है। अन्य राज्यों की भी स्थिति ठीक नहीं हैं। डर लग रहा था कि पिछले साल जैसा माहौल फिर दोबारा न हो। इसलिए अपने परिवार के बीच

रहना चाहती हूं। मजबूरी में लौटना पड़ा।

निशी सिंह, पैसेंजर

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। दिल्ली आदि बड़े शहरों में भी केस बढ़ रहे हैँ। अकेले होने के नाते घर जाने की चिंता सता रही थी।

इसलिए घर लौट आया।

प्रांजल शुक्ला

लखनऊ में एक फर्म में प्राइवेट काम करता हूं। अब तो 50 परसेंट ही वर्कर को काम करने की इजाजत हैं। हम सभी को वर्कफ्राम होम कर दिया गया है। घर से ही काम करना है।

रवि यादव, पैसेंजर