गोरखपुर (ब्यूरो)। 'अपना यूरिया सोना उगले नाम से यूरिया की बिक्री की जाएगी। 10 जून 1990 को फर्टिलाइजर कारपोरेशन आफ इंडिया (एफसीआई) का खाद कारखाना बंद हुआ था। इसके बाद खाद कारखाना को चलाने की कई कवायद सफल नहीं हो सकी थी।

एचयूआरएल गोरखपुर के साथ ही झारखंड के सिंदरी में भी यूरिया प्लांट की स्थापना कर रहा है। यह प्लांट भी जल्द शुरू होने वाला है। शुक्रवार को गोरखपुर खाद कारखाना में ट्रायल में तैयार हुई नीम कोटेड यूरिया को सिंदरी प्लांट ले जाया जाएगा। अफसरों का कहना है कि गोरखपुर में बनी यूरिया अब तक की सबसे अच्छी क्वालिटी की यूरिया है।

प्रधानमंत्री करेंगे शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात दिसंबर की दोपहर खाद कारखाना में यूरिया निर्माण का शुभारंभ करेंगे। इसके लिए सभी तैयारियों को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसी के क्रम में यूरिया बनाने का भी ट्रायल किया गया था। प्रधानमंत्री के हाथों शुभारंभ के बाद खाद कारखाना तकरीबन छह घंटे चलेगा। इसके बाद इसे तकरीबन 30-45 दिन तक बंद कर सभी मशीनों का परीक्षण किया जाएगा। फरवरी 2022 से पहले यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।