- डीडीयूजीयू में शुरू हो रहे सेल्फ फाइनेंस कोर्स को लेकर लगातार विद्या परिषद सदस्य उठा रहे मांग

GORAKHPUR:

गोरखपुर विश्वविद्यालय में सेल्फ फाइनेंस कोर्स शुरू होने से पहले ही सवालों के घेरे में घिर गया है। वहीं, विद्या परिषद के सदस्यों की तरफ से बार-बार राजभवन से आए चिट्ठी दिखाने की मांग की जा रही है, लेकिन वीसी व रजिस्ट्रार की तरफ से अब तक सेल्फ फाइनेंस के एप्रूवल वाली चिट्ठी न दिखाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

कहीं फ्यूचर के साथ न हो खिलवाड़

दरअसल, पूर्वाचल के स्टूडेंट्स के फ्यूचर और रोजगार परक पाठ्यक्रम को यूनिवर्सिटी प्रशासन सेल्फ फाइनेंस कोर्स के तहत संचालन करना चाहता है। इन कोर्सेज के संचालन होने से निश्चित तौर पर गोरखपुर व आसपास के स्टूडेंट्स को इसका लाभ भी मिलेगा। लेकिन इन कोर्सेज को संचालन से पहले की जो प्रक्रिया है, उन प्रक्रिया को नहीं अपनाए जाने पर यूनिवर्सिटी के विद्या परिषद सदस्य ने सवाल उठाया है। विद्या परिषद सदस्य व हिंदी डिपार्टमेंट के प्रो। कमलेश गुप्ता बताते हैं कि पाठ्यक्रम चाहे वह सर्टिफिकेट कोर्स हो, डिप्लोमा कोर्स हो, डिग्री कोर्स हो। यह बगैर विद्यापरिषद की स्वीकृति के आगे कहीं से पास नहीं हो सकता। विद्यापरिषद से उसके पास होने की तय प्रक्रिया होती है। पाठ्यक्रम समितियों से पाठ्यक्रम प्रस्तावित होता है और संकायपरिषदों से होते हुए विद्या परिषद में आता है। विद्यापरिषद में इस तरह के सारे लिखित प्रस्तावों की कार्यसूची होती है। कार्यसूची में बिंदु होते हैं और उन बिंदुओं के समक्ष पृष्ठ संख्या लिखी होती है, जिससे पता चलता है कि अमुक पाठ्यक्रम पर विचार इस बिंदु के तहत होगा। वह इस कार्यसूची में अमुक पृष्ठ से लेकर अमुक पृष्ठ तक संलग्न है। कोई पाठ्यक्रम लिखित रूप में प्रस्तावित हुआ या नहीं, इसकी पुष्टि इस तरह की कार्यसूची से की जा सकती है।

पूर्णिया विश्वविद्यालय में कोर्स नहीं शुरू होने को लेकर चर्चा

प्रो। कमलेश गुप्ता ने बताया कि वीसी प्रो। राजेश सिंह ने गोरखपुर विश्वविद्यालय में सेल्फ फाइनेंस कोर्स शुरू करने से पहले पूर्णिया विश्वविद्यालय में भी सेल्फ फाइनेंस कोर्स संचालन किए थे। लेकिन वह कोर्स सफल नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि पूर्णिया विश्वविद्यालय में वर्ष 2019 में एक दर्जन से अधिक सेल्फ फाइनेंस कोर्स में नामांकन के लिए विज्ञापन निकाला गया था। लेकिन आज तक इन विषयों में पढ़ाई नहीं शुरू हो सकी। सिर्फ एकेडमिक काउंसिल और सिंडिकेट से पारित कराकर विज्ञापन निकाल दिया गया था।

वर्जन

सेल्फ फाइनेंस कोर्स एप्रूव्ड है। बिना एप्रूवल के कोर्स का संचालन नहीं किया जा सकता है। राजभवन से लेटर भी आया है। जिन्हें देखना हो, वह रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर देख सकता हैं।

प्रो। राजेश सिंह, वीसी, डीडीयूजीयू