- फिराक लिटरेरी सोसायटी ने फिराक लिटरेरी अवार्ड-2021 एवं मुशायरे-कवि सम्मेलन का किया आयोजन

- नरसिंह बहादुर को फिराक एवं डॉ। संजीव को मिला हामिद अली अवार्ड

GORAKHPUR: मशहूर शायर रघुपति सहाय (फिराक गोरखपुरी) की 35 वीं पुण्यतिथि पर बुधवार को शहर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए। फिराक लिटरेरी सोसायटी ने एमएसआई इंटर कालेज में फिराक लिटरेरी अवार्ड-2021 एवं कवि सम्मेलन-मुशायरे का आयोजन किया। नरसिंह बहादुर चंद को फिराक अवार्ड, डॉ। संजीव गुलाटी को मोहम्मद हामिद अली अवार्ड, डॉ। मुमताज खान को एम कोठियावी राही अवार्ड, मसरूर उल हसन बहार को अफगानुल्लाह खान और मोहम्मद अली को मंजर जिया अवार्ड से नवाजा गया।

महान शायरों में थे फिराक

मुख्य अतिथि डॉ। आरके राय ने कहा कि नयी सोच और तसव्वुर को अपनी गजलों में पिरोकर जदीद (आधुनिक) गजल की ईजाद करने वाले फिराक को मीर तकी मीर और मिर्जा गालिब के बाद हिन्दुस्तान में उर्दू का सबसे महान शायर माना जाता है। सोसायटी के अध्यक्ष महबूब सईद हारिस ने कहा कि फिराक की शख्सियत में इतनी पर्ते, इतने आयाम, इतना विरोधाभास और इतनी जटिलता थी कि वो हमेशा से अध्येताओं के लिए एक पहेली बन कर रहे। तीन मार्च 1982 को भले ही फिराक साहब ने दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनकी शायरी आज भी मौजूद है।

लूटी खूब वाहवाही

नरसिंह बहादुर चंद ने कहा कि फिराक की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि उन्होंने अपनी नजरों और अपनी रूबाइयात में भारतीय संस्कृति को बहुत ज्यादा उजागर किया। डॉ। एहसास अहमद, ई। रफी अहमद ने कहा कि फिराक की शायरी में पूरे हिन्दुस्तान की तस्वीर उभरकर सामने आती है। जालिब नोमानी, डॉ। जैद कैमूरी, डॉ। चारुशिला सिंह, प्रतिभा गुप्ता, फरीद कुमार, शाकिर अली शाकिर, वसीम मजहर ने अपने कलाम पेशकर खूब वाहवाही लूटी। मोहम्मद इब्राहिम, डॉ। ताहिर अली, अरमानुल्लाह, शोएब अहमद, सैयद इकबाल अहमद आदि मौजूद रहे।