गोरखपुर (ब्यूरो).सूचना पर पहुंची पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर मामले में कार्रवाई शुरू कर दी। उधर, स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पहुंच गई। टीम ने अस्पताल को अवैध घोषित करते हुए सील कर दिया। इसके बाद परिजन शांत हुए। तब जाकर पुलिस ने किसी तरह से शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

12 हजार में किया ऑपरेशन

खोराबार इलाके के रजही निवासी सोनई गुप्ता का बेटा आशीष गुप्ता (28) पिछले काफी दिनों से पाइल्स की बीमारी से पीडि़त था। इसी बीच आशीष की मुलाकात कुसम्ही स्थित आयुष हॉस्पिटल के संचालक झोलाछाप डॉ। चंदन दास से हो गई। डॉ। चंदन दास 12 हजार रुपए में उसके ऑपरेशन के लिए तैयार हो गया।

हालत बिगड़ी तो दूसरे अस्पताल में कर दिया शिफ्ट

पिछले गुरुवार को डॉक्टर ने आशीष को अपने हॉस्पिटल में भर्ती कर लिया और उसी दिन ऑपरेशन भी कर दिया। इस बीच मरीज की तबीयत बिगडऩे लगी तो डॉ। दास ने उसे शनिवार को अपने परचित भगत चौराहा स्थित एस हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। जहां सोमवार को उसकी मौत हो गई।

अस्पताल में ताला लगाकर भाग गया डॉक्टर

मौत की जानकारी होने पर हॉस्पिटल संचालक डॉ। चंदन दास रात में ही हॉस्पिटल में ताला लगाकर फरार गया। मौत से गुस्साए परिजन शव को लेकर कुसम्ही आयुष हॉस्पिटल पहुंच गए और हंगामा करने लगे। मृतक आशीष गुप्ता अपने चार भाइयों में सबसे छोटा था। वह सब्जी का थोक विक्रेता था। रजही में ही वह सब्जी की दुकान लगाता था। तीन साल पहले आशीष की शादी हुई थी।

पहले रजही में प्रैक्टिस करता था डॉ। दास

नंदानगर सैनिककुंज का रहने वाला डॉ। चंदन दास पहले रजही में प्रैक्टिस करता था। दो साल से उसने कुसम्ही बाजार में किराये का मकान लेकर हॉस्पिटल खोल रखा है। आशीष गुप्ता की जान पहचान डॉ। चंदन दास से रजही से हुई थी।