- मऊ जनपद के दोहरीघाट के पास एक्सीडेंट में 4 बच्चों समेत पांच की मौत

- छत्तीसगढ़ से चौरीचौरा के फुलवरिया लौट रहे थे परिवार के लोग

GORAKHPUR: छत्तीसगढ़ से चौरीचौरा, फुलवरिया लौट रही फैमिली दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई। शनिवार रात करीब 1 बजे दोहरीघाट-मधुबन मार्ग पर बेलौली सोनबरसा के पास बेकाबू कार नदी में पलट गई। एक्सीडेंट में चार मासूम बच्चों सहित एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। हादसे में ममता (35) पत्नी महेश कुमार, शशि (13) पुत्री महेश कुमार, मयंक (6) पुत्र महेश कुमार, माही (4) पुत्री दिनेश कुमार और दिव्यांश (8) पुत्र दिनेश कुमार की मौत हो गई। जबकि कार सवार महेश मोदनवाल और दीपिका पत्नी दिनेश कुमार घायल हो गए। घटना की सूचना के बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है। गांव में रहने वाले पट्टीदारी के लोग भी घटनास्थल पर रवाना हो गए।

25 साल से छत्तीसगढ़ में रहती है फैमिली

चौरीचौरा के फुलवरिया निवासी पतरु करीब 25 साल से छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले के डोमिनहील में रहते थे और नौकरी करते हैं। उनके बेटे रमेश, महेश, उमेश, दिनेश का भी परिवार साथ रहता है। मोहर्रम पर हर साल परिवार के लोग ताजिया रखते हैं। इसलिए फैमिली के सभी सदस्य सालभर में एक बार जरूर गांव आते हैं। शनिवार को महेश अपनी पत्नी ममता और बच्चों तान्या, मयंक, छोटे भाई दिनेश की पत्नी दीपिका, उनकेदो बच्चों सौम्या और माही के साथ कार से चौरीचौरा आ रहे थे। महेश की ससुराल मऊ जिले के मधुबन में है। महेश ने बच्चों संग पहले ससुराल जाने का प्लान बनाया। वहां से चौरीचौरा आने की बात तय हुई। लेकिन मधुबन जाते समय रास्ते में सभी हादसे के शिकार हो गए।

सेना में तैनात हैं दिनेश मोदनवाल

दिनेश के पिता पतरु और उनके चाचा श्रीनिवास दो भाई हैं। पतरु और उनके बेटे अपनी फैमिली संग छत्तीसगढ़ में रहते हैं। जबकि चाचा श्रीनिवास का परिवार गांव में है। घटना की सूचना मिलते ही श्रीनिवास और अन्य लोग मधुबन (मऊ) चले गए। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि दिनेश मोदनवाल सेना में हैं और वर्तमान में जम्मू में पोस्टेड हैं। दिनेश के दोनों बच्चों की हादसे में मौत हो गई। दिनेश के भाई महेश मोदनवाल और उमेश मोदनवाल कोल माइंस में काम करते हैं। इनके एक भाई रमेश छत्तीसगढ़ में टीचर हैं।

हर साल रखते थे ताजिया, साथ आता था परिवार

कुछ लोग मनौती पूरी होने पर ताजिया रखते हैं। परिवार में खुशहाली के लिए भी लोग मनौती मानते हैं। पतरू के बेटे रमेश, महेश, उमेश और दिनेश भी मनौती के लिए ताजिया रखते थे। इसलिए परिवार के सदस्य हर साल गांव पर आकर ताजिया रखते हुए इसमें शामिल होते थे। लोगों का कहना है कि इस साल भी मोहर्रम में ताजिया रखने के लिए मोदनवाल परिवार गांव लौट रहा था। लेकिन रास्ते में हादसे के शिकार हो गए।

मऊ पहुंचे रिश्तेदार, मोहल्ले में पसरा मातम

हादसे की सूचना पर फुलवरिया निवासी पतरू के भाई श्रीनिवास और उनकी पत्नी अन्य लोगों संग मऊ रवाना हो गए। इससे उनके गांव पर ताला बंद हो गया। एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत से आसपास मोहल्ले में भी लोग दुखी हो गए। घटना की वजह से गांव में किसी के घर पर भी चूल्हा नहीं जला।