गोरखपुर (ब्यूरो)। मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले पेशेंट्स की गर्दन का लचीलापन कम पाया गया है। यही नहीं इसकी वजह से लोगों की मांसपेशियां भी टाइट हो जा रही हैं, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ जा रहीं हैं। डॉक्टर्स की मानें तो गर्दन का लचीलापन कम होने से गर्दन की हड्डी पर एक्ट्रा दबाव बना रहेगा जो आगे चलकर सर्वाइकल स्पॉडिलाइटिस, सर्वाइकल रेडीकुलोपैथी (जिसमे गर्दन से लेकर हाथ के निचले हिस्से अन्य पंजे तक दर्द जाता है) सर्वाइको जैनिक हैडेक, गर्दन के हड्डी के बीच में डिस्क का दबना जैसी प्रॉब्लम खड़ी कर सकता है। इससे आगे चलकर हाथ की हाथ में खून का दौरा कम हो जाता है और हाथ में ताकत कम लगती।

गर्दन सीधा रखने पर चार किलो भार

फिजियोथेरेपिस्ट का कहना है कि हमारे सर का भार 4 से 5 किलोग्राम होता है। जैसे-जैसे हम गर्दन को आगे की तरफ झुकाते हैं। वैसे-वैसे हमारे गर्दन पर पडऩे वाला भार बढ़ जाता है। इससे गर्दन की हड्डी और मांसपेशियों पर अतिरिक्त भार पडऩा शुरू हो जाता है। यह भार भिन्न-भिन्न होता है, जैसे की सर एकदम सीधा रखे हैं तो आपके गर्दन पर 4 किलो का भार पड़ेगा। यदि आप गर्दन को और आगे झुकाते हैं और लगभग 15 डिग्री तक ले जाते हैं तो इस पर 12 किलो का भार पड़ेगा और आगे झुकाने पर 30 डिग्री के लगभग आपके शरीर पर 17 किलोग्राम का भार पड़ेगा, 45 डिग्री झुकाने पर 22 किलोग्राम का भार पड़ेगा, 60 डिग्री झुकाने पर 27 किलोग्राम का भार पड़ेगा और अधिकतर लोग 60 झुका कर ही मोबाइल का इस्तेमाल करते है। जिससे उनको आगे चलकर दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

कारगर है फिजियोथिरैपी

आज भौतिक चिकित्सा के क्षेत्र फिजियोथेरेपी का इस्तेमाल विभिन्न शारीरिक समस्याओं के इलाज किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी व डाउन सिंड्रोम सतुलन विकार जैसी अनेक स्थितियों में कारगर हो सकती है। फिजियोथेरेपी दर्द को कम करने के साथ-साथ तनाव को भी दूर करने में मदद करती है। फिजियोथेरेपिस्ट लोगों के शारीरिक गतिविधियों, कार्य क्षमता को विकसित करने, उसे बनाए रखने वाली सेवाएं प्रदान करते हैं। साथ ही किसी भी तरह की चोट व शारीरिक अक्षमता में सुधार लाने में मदद करते हैं। वे तीव्र दर्द, चोट और पुरानी बीमारी से निजात दिलाकर शारीरिक गतिविधि में सुधार लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस की ऐसी टेक्नीक है, जिससे क्रिटिकल बीमारियों का इलाज आसानी से बिना मेडिसिन व बिना सर्जरी के अत्याधुनिक मशीनों व मैनुअल थेरेपी की मदद से किया जाता है। फिजियोथेरेपी का लाभ हर उम्र के लोग बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी ले सकते हंै।

फिजियोथिरैपी इसमें फायदेमंद -

ऑस्टियोआर्थराइटिस

घुटने के दर्द,कोहनी का दर्द,कंधे के दर्द

अल्जाइमर रोग

पीठ दर्द

गर्दन का दर्द

पार्किंसंस रोग

मांसपेशियों में खिचाव

बर्साइटिस

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम

अस्थमा

फाइब्रोमायल्गिया

पैरालिसिस

मसल्स की जकडऩ

गर्दन को बहुत ज्यादा आगे झुका कर मोबाइल का इस्तेमाल न करें, देर तक गर्दन को एक ही पोजिशन में ना रखें, यदि आप लंबे समय तक लैपटॉप पर पढ़ रहे हैं या कोई काम कर रहे हैं तो बीच-बीच में गर्दन को ऊपर नीचे दाएं-बाएं घुमाएं। रोजाना गर्दन की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। यह करने से आप डॉक्टर के पास जाने से बच सकते हैं।

डॉ। देवेज्य श्रीवास्तव, फिजियोथेरेपिस्ट

जिला अस्पताल की फिजियोथेरेपी विभाग में डेली 10 से 12 मरीज आते हैं। जिनका फिजियोथेरेपी की माध्यम से इलाज किया जाता है। बिना मेडिसिन व बिना सर्जरी के अत्याधुनिक मशीनों व मैनुअल थेरेपी की मदद से किया जाता है। फिजियोथेरेपी का लाभ हर उम्र के लोग बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी ले सकते हैँ।

- डॉ। अरविंद ओझा, फिजियोथेरेपिस्ट