- पासपोर्ट आफिस सामने दुकान खोलकर कर रहे थे फर्जीवाड़ा

- शाहपुर, गोरखनाथ में दर्ज हुआ मुकदमा, एक को किया अरेस्ट

GORAKHPUR:

रीजनल पासपोर्ट आफिस के सामने दुकान खोलकर फर्जी मार्कशीट के जरिए पासपोर्ट बनवाने के मामले में शाहपुर और गोरखनाथ थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई। गोरखनाथ पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बनाकर पासपोर्ट तैयार कराने के आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जबकि शाहपुर पुलिस आरोपित की तलाश में जुटी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रैकेट से जुड़े लोगों की तलाश की जा रही है। मोबाइल सर्विलांस की मदद से सभी की तलाश की जाएगी। उधर पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई में सील दुकानों की सुरक्षा के लिए रविवार को पुलिस कर्मचारी खड़े रहे। एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपित से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर अन्य की तलाश शुरू कर दी गई है।

दो की गोपनीय जांच के बाद हुई छापेमारी

रीजनल पासपोर्ट ऑफिस के सामने खुले इंटरनेट कैफे और अन्य दुकानों पर फर्जी तरीके से हाईस्कूल की मार्कशीट तैयार करने की सूचना क्राइम ब्रांच को मिली। सीओ प्रवीण सिंह की अगुवाई में क्राइम ब्रांच और शाहपुर पुलिस ने दो दिनों तक गोपनीय जांच की। लेकिन भनक लगने पर शनिवार को दुकान बंद करके दुकानदार फरार हो गए। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में छापेमारी करके पुलिस ने कई दुकानों का तोड़कर तलाशी ली। इस दौरान सनसाइन साइबर सिटी नाम की शॉप से फर्जी मार्कशीट बनाने, कैंट थाना, सीओ एलआईयू सहित कई अधिकारियों की रबर मुहर और करीब दर्जन भर पासपोर्ट बरामद हुए।

गोरखनाथ पुलिस ने एक दबोचा

इस मामले में पुलिस ने शाहपुर के धर्मपुर निवासी अमित कुमार यादव, सन साइन साइबर सिटी के ऑनर राजीव नगर बशारतपुर निवासी अविनाश पांडेय के खिलाफ जाली कागजात तैयार करने, फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवाने सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। हरकत में आई पुलिस ने अभियुक्तों की तलाश शुरू कर दी। गोरखनाथ के एसएसआई राज प्रकाश सिंह और स्वाट टीम के प्रभारी सादिक परवेज की टीम ने नकहा ओवरब्रिज के पास से अमित कुमार यादव को अरेस्ट कर लिया। उससे पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर अन्य की तलाश चल रही है। अमित ने पुलिस को बताया कि उसे सिर्फ डेढ़ हजार रुपए मिलते थे। लेकिन फर्जी मार्कशीट पर पासपोर्ट बनवाने के खेल में 10 हजार से 15 हजार रुपए की वसूली होती है।

यहां के लोगों का बना पासपोर्ट

गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर

ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा

खाड़ी देशों में कमाने जाने वालों के लिए दो तरह के पासपोर्ट जारी का नियम है। स्किल्ड और नॉन स्किल्ड के लिए अलग-अलग पासपोर्ट बनाया जाता है। स्किल्ड के लिए हाईस्कूल पास होना जरूरी है। उसे अधिक वेतन दिया जाता है। जबकि नान स्किल्ड का वेतन कम होता है। इसलिए यह खेल काफी दिनों से पासपोर्ट आफिस के आसपास चल रहा था। किसी की मार्कशीट को स्कैन करके जालसाज नान स्किल्ड वाले का नाम डाल देते हैं। इसके बदले में वह 10 से 15 हजार रुपए लेते हैं। इसके अलावा पुलिस की कार्रवाई से संबंधित कोरम पूरा करने के लिए फर्जी मुहरों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे लोगों का पासपोर्ट बनाने के लिए कुछ कर्मचारियों की मदद ली जाती है। मार्कशीट का कोई वेरीफिकेशन करने के बजाय कर्मचारी आसानी से वेरीफाई कर देते हैं।

सन साइन के ऑनर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उसकी तलाश में टीम लगी है। अन्य के भूमिका की जांच की जा रही है।

अरुण पवार, एसएचओ, शाहपुर